उत्तर प्रदेशराज्य

हाथरस की DM अर्चना वर्मा ने पेश की मिसाल, आंगनबाड़ी केंद्र में कराया बेटे का एडम‍िशन; हर तरफ हो रही चर्चा

आईएएस ने अपने बेटे का दाखिला गांव में आंगनबाड़ी केंद्र पर कराया है। जहां बच्चा खेलते-खेलते ए, बी, सी, डी सीख रहा है। यह आईएएस जिला की डीएम हैं और इस समय चर्चा में हैं। डीएम साहिबा ने अपने लाल को किसी मंहगे प्ले स्कूल में न बिठाकर गांव के आंगनबाड़ी में एडमिशन दिलाया। इससे उस आंगनबाड़ी में लगातार बच्चों के प्रवेश बढ़ रहे हैं।

हाथरस की जिलाधिकारी अर्चना वर्मा ने अपने सवा दो वर्ष के बेटे अभिजीत का दाखिला गांव दर्शना के आंगनबाड़ी केंद्र में कराके उन लोगों के लिए मिसाल पेश की है, जो आंगनबाड़ी केंद्र या सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। डीएम का बेटा रोजाना गांव दर्शन स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में आम बच्चों के साथ कई घंटे बिताता है। वह सभी बच्चों के साथ खेलते-कूदता है। इसकी जानकारी मिलने के बाद अब ग्रामीणों ने भी अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजना शुरू कर दिया है।

गांव दर्शना स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर जब से डीएम अर्चना वर्मा के बेटे का दाखिला होने की बात ग्रामीणों को पता चली तो वह भी बेफ्रिक होकर अपने छोटे-छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में भेजने लगे। डीएम का बेटा पिछले तीन माह से आंगनबाड़ी केंद्र पर आ रहा है। डीएम जैसे रुतबेदार पद पर होने के बावजूद अर्चना वर्मा ने अपने बेटे को आंगनबाड़ी केंद्र भेजकर यह संदेश दिया है कि सरकारी केंद्रों पर भी उनके बच्चों की बेहतर देखभाल हो सकती है।

आज के समय में जब मध्यम वर्गीय परिवार भी अपने बच्चों को प्ले स्कूल में भेजना पसंद करते हैं तो ऐसे में डीएम के इस कदम की चर्चा हर तरफ हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह अफसरों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने लग जाएं तो इनकी सूरत भी बदल सकती है।

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