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इधर बैंक डूब रहे उधर अमेरिकी फेडरल ने फिर बढ़ा दी ब्याज दरें, जानिए क्या है मजबूरी

नई दिल्ली: अमेरिका में बैंकिंग संकट गहराता जा रहा है। एक के बाद एक बैंक डूब रहे हैं। ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बैंकिंग संकट और महंगाई के बीच दवाब में अमेरिकी फेडरल ने एक के फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है। अमरिकी फेडरल से बैंकिंग संकट के बीच महंगाई से मुकाबला करने के लिए फिर से अपने पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी कर दी है। इस बार भी ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी गई। अमेरिका में ब्याज दर बढ़कर 16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

क्या है फेडरल की मजबूरी

अमेरिकी फेडरल ने एक बार फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। फेडरल लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रही है। लगातार 10वीं बार ब्याज दर बढ़ाए गए हैं। जिस रफ्तार से ब्याज दरों में इजाफा किया है उससे अमेरिका में 43 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। ब्याज दरें 16 साल के हाई पर पहुंच गई हैं। ताजा बढ़ोतरी के बाद ब्याज दर 5 फीसदी के बढ़कर 5.25 फीसदी पर पहुंच गई हैं।

महंगाई है मजबूरी

अमेरिका में लगातार महंगाई बढ़ रहा है। कोशिशों के बावजूद महंगाई रुकने का नाम नहीं ले रही है। महंगाई पर काबू पाना फेडरल की मजबूरी है। महंगाई पर काबू पाने के लिए फेड को ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ रहा है। वहीं लगातार बढ़ रही ब्याज दरों ने बैंकों की मुश्किल बढ़ा दी है। बैंकिंग सिस्टम क्रैश होने के कगार पर पहुंच गया है। अमेरिका के तीन बैंक डूब चुके हैं। कुछ और बैंकों पर खतरा मडंरा रहा है।

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