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अगर जिंदा हूं तो राजीव जी की वजह से… जब अटल बिहारी वाजपेयी की राजीव गांधी की तारीफ

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे नेता थे, जिनका न केवल बीजेपी बल्कि विपक्ष के नेता भी सम्मान करते थे। वो ऐसी राजनीतिक परंपरा को मानते थे, जिसमें राजनीतिक विरोधियों के लिए सम्मान और मानवीय मर्यादा का खास स्थान रहा करता था। यही वजह है कि उनके देहांत के बाद भी संसद में और संसद के बाहर दिए गए तमाम भाषणों को आज भी याद किया जाता है। 1991 में जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी
की हत्या हुई थी, तब वाजपेयी ने उनको याद करते हुए ऐसी बात बताई, जो सुनकर कोई भी भावुक हो जाएगा। उन्होंने कहा था कि अगर आज मैं जिंदा हूं तो इसकी वजह राजीव गांधी हैं।

राजीव गांधी की हत्या के बाद सुनाया किस्सा
दरअसल, राजीव गांधी की हत्या के बाद अटल बिहारी वाजपेयी बड़े भावुक हो गए थे। वाजपेयी उन दिनों विपक्ष के नेता थे। इस बीच पत्रकारों ने उनकी राज जाननी चाही। इसके जवाब में वाजपेयी ने राजीव गांधी से जुड़ा ऐसा किस्सा सुनाया जिसे आज तक याद किया जाता है। उन्होंने बताया कि ये बात 1984-1989 के दौर की है, जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी ने कहा, ‘मैं किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहा था। उस वक्त भारत में इस बीमारी का इलाज उपलब्ध नहीं था। मुझे इलाज कराने के लिए अमेरिका जाना था। इलाज के लिए पैसों का इंतजाम कर पाना मेरे लिए संभव नहीं था।’

‘राजीव गांधी की बदौलत ठीक हो पाया’
आगे भावुक अंदाज में वाजपेयी बताते हैं, ‘मेरी बीमारी की बात किसी तरह राजीव गांधी को पता चल गई। उन्होंने मुझे बुलाया और संयुक्त राष्ट्र जाने वाले प्रतिनिधि मंडल में शामिल करने का फैसला किया। मैं सदस्य के रूप में वहां गया। इलाज का सारा खर्चा सरकार ने उठाया। मैं उनकी बदौलत पूरी तरह ठीक हो पाया।
दोनों नेताओं ने कभी नहीं किया जिक्र
अमेरिका से इलाज कराकर वाजपेयी सकुशल भारत लौटे। लेकिन न तो राजीव गांधी ने और न ही वाजपेयी ने इस बात का कभी किसी से जिक्र किया। दोनों ही नेता एक समय राजनीतिक विरोधी थे। राजीव नेता सदन थे तो वाजपेयी नेता विपक्ष। वाजपेयी ने कुछ समय बाद एक पोस्टकार्ड के जरिए राजीव गांधी को धन्यवाद जरूर भेजा, लेकिन राजीव के जीते जी किसी को इस बात का पता तक नहीं चल पाया। आज के दौर में इस तरह के राजनीतिक रिश्ते मिलना बेहद दुर्लभ हैं।

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