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टिम्बकटू में मीटिंग होती तो वहां जाते बिलावल भुट्टो… पाक मंत्री बोलीं- यह भारत दौरा नहीं, SCO यात्रा है

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा करने वाले हैं। उनकी इस यात्रा को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा, ‘यह भारत की यात्रा नहीं है, बल्कि एससीओ की यात्रा है।’ भारत सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था जिसका पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंधों में तनाव ने एक नए सिरे से जन्म लिया। भुट्टो 4 और 5 मई को गोवा में होने वाली एससीओ मीटिंग में हिस्सा लेंगे।


भारतीय न्यूज चैनल WION से बात करते हुए हिना रब्बानी खार ने भुट्टो के भारत आने पर कहा, ‘पीपीपी के अध्यक्ष को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में चुना गया है और वह अपने काम को बहुत गंभीरता से लेते हैं। इसलिए ऐसा करना राजनीतिक रूप से सही काम नहीं हो सकता है लेकिन जहां तक पाकिस्तान के हितों की बात है, ऐसा करना बिल्कुल सही है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘भारत दौरा क्यों? यह भारत यात्रा नहीं है, इसे भारत यात्रा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह एससीओ का दौरा है।’


‘टिम्बकटू में होती मीटिंग तो वहां जाते भुट्टो’

खार ने कहा, ‘एससीओ भारत और पाकिस्तान के पूर्ण सदस्य बनने से पहले से एक संगठन है। एक पूर्व शर्त थी कि द्विपक्षीय विवाद या मुद्दे एससीओ के काम के रास्ते में नहीं आने चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह द्विपक्षीय यात्रा नहीं है। यह एससीओ कार्यक्रम का दौरा है जो गोवा में है जहां विदेश मंत्री जा रहे हैं। अगर यह टिम्बकटू में होता तो विदेश मंत्री वहां जाते, अगर यह वॉशिंगटन डीसी में होता तो विदेश मंत्री वहां जाते। विदेश मंत्री एससीओ के कार्यक्रम में जा रहे हैं और यही इसकी वास्तविकता है।’

‘मीटिंग से बाहर रहने का कोई मतलब नहीं’

खार ने कहा, ‘जब से एससीओ की स्थापना हुई है, पाकिस्तान के विदेश मंत्री हर मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेते रहे हैं। इसलिए इस तरह की महत्वपूर्ण बैठक से बाहर बैठने का कोई मतलब नहीं है।’ खार के 2011 में भारत आने के बाद से यह पहली बार होगा जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत का दौरा करेंगे। साल 2014 में पूर्व पाक पीएम नवाज शरीफ के पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद से यह किसी पाकिस्तानी नेता की पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी।

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