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इमरान खान या जनरल असीम मुनीर, पाकिस्तान का असली चीफ कौन? सेना का निर्णायक पलटवार, पीटीआई में मची भगदड़

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में 9 मई को पीटीआई प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार किया गया था। इमरान और सेना के बीच लंबे समय से संघर्ष देखने को मिल रहा था, जिसके कारण जब इमरान गिरफ्तार हुए तो उनके कार्यकर्ताओं ने सेना पर हमला बोल दिया। अब जब मामला शांत हो गया है तो पाकिस्तानी सेना किसी घायल शेर की तरह दुश्मन को झपटने की तैयारी में है। पीटीआई के नेता मौके को भांपते हुए इमरान खान से दूरी बनाने लगे हैं। कई नेता सेना के पक्ष में बयान दे रहे हैं तो वहीं कई नेताओं ने सीधे-सीधे पार्टी छोड़ दी है। बुधवार को पीटीआई के दो नेता पार्टी से निकल गए हैं। वहीं, एक ने तो पार्टी के साथ राजनीति से भी तौबा कर लिया है।


पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता आमिर महमूद कियानी और संजय गंगवानी ने पार्टी छोड़ दी है। बुधवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कियानी ने कहा कि मैं पार्टी नहीं बल्कि राजनीति ही छोड़ रहा हूं। उन्होंने इस हिंसा को राष्ट्रीय त्रासदी करार देते हुए कहा, ‘मैं पार्टी से 1996 में जुड़ा था और मेरे घर के कई लोग पाकिस्तानी सेना में रहे हैं। सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला देखना बेहद दर्दनाक है। इसलिए मैं 27 साल बाद पार्टी से बाहर निकल रहा हूं।


असीम मुनीर ने खाई कसम

9 मई को लाहौर कोर कमांडर ऑफिस (जिन्ना हाउस) को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा कई और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला बोला था। पूरे दंगे-बवाल के बाद पहली बार बुधवार को सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा, ‘9 मई को देश को शर्मसार करने वाली घटना हुई। ऐसी घटनाओं को किसी भी कीमत पर दोबारा नहीं होने दिया जाएगा। किसी को भी हमारे शहीदों की बेइज्जती करने की इजाजत नहीं है।’ इससे पहले भी उन्होंने एक मीटिंग में कहा था कि आरोपियों के खिलाफ आर्मी एक्ट में कार्रवाई की जाएगी।


नेता छोड़ रहे पार्टी

आर्मी एक्ट का नाम सुन कर पाकिस्तान का बड़े से बड़ा नेता डरा हुआ है। इमरान की पार्टी में दहशत है। आर्मी एक्ट का डर आमिर महमूद कियानी के बयानों में भी दिखता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ कभी बयान नहीं दिया। अल्लाह के बाद हमारा अस्तित्व सेना पर निर्भर है, क्योंकि वह हमारे लिए अपनी जान जोखिम में डालती है।’ पीटीआई के कराची से सांसद महमूद मौलवी ने मंगलवार को पार्टी छोड़ दी। इसके साथ ही सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया।

सेना की शान में पढ़े जा रहे कसीदे

आर्मी एक्ट के तहत सेना लंबे समय तक जेल में डाल सकती है। कई मामलों में फांसी की सजा भी हो सकती है। पाकिस्तान के किसी नेता को नहीं पता कि असीम मुनीर के दिमाग में क्या चल रहा है और उनकी नजर किस पर टेढ़ी होगी। आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई से बचने के लिए इमरान खान समेत हर नेता सेना के सम्मान और हिंसा को गलत बताने में लगा है। इमरान खान अपने हर बयान में कहते हैं कि हिंसा करने वालों को उनकी पार्टी के सदस्य रोक रहे थे। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने भी सेना की शान में कसीदे पढ़े। उन्होंने भी 9 मई को हुई हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि हर पाकिस्तानी का फौज से ताल्लुक है। पार्टी छोड़ रहे नेताओं को लेकर इमरान ने क्या कहा, यहां क्लिक करके पढ़ें?

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