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आजाद भारत में जब बिना संविधान के 29 महीने तक चला देश

भारत कल अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने वाला है। हमारे देश के संविधान को लागू हुए कल 75 साल हो जाएंगे। 15 अगस्त 1947 को भारत के आजाद होने के बाद देश को चलाने के लिए संविधान की जरुरत थी। इसके लिए संविधान सभा का गठन किया गया था जिसने देश का संविधान लिखा।

संविधान सभा ने 2 साल 11 महीने और 18 दिन में भारत के संविधान को तैयार किया था। कई लोगों के जेहन में यह प्रश्न जरूर आता होगा कि 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बीच देश कैसे चलाया गया था?

इस एक्ट के जरिए चलाया गया देश

भारत की आजादी और इसके संविधान के लागू होने के बीच 29 महीनों का लंबा समय था। इस दौरान देश की व्यवस्था को चलाने के लिए इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट-1947 को लागू किया गया था। इस एक्ट के जरिए देश चलाने का फैसला हुआ था।

इसमें गवर्मेंट ऑफ इंडिया एक्ट-1935 को इस्तेमाल में लाने की व्यवस्था की गई थी, जिसे ब्रिटिश संसद में पारित किया गया था। इस एक्ट को ब्रिटिश संसद में पारित सबसे बड़े कानूनी दस्तावेजों में से एक माना जाता था। संविधान के तैयार होने तक इसी एक्ट को संविधान की जगह इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया।

क्या है भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम?

माउंटबेटन में 3 जून 1947 की योजना पर दोनों समुदायों द्वारा सहमति प्रदान करने के उपरान्त ब्रिटिश संसद ने भारतीय स्वतंत्रता विधेयक का प्रारूप तैयार किया और इस विधेयक को ब्रिटिश संसद द्वारा बहुमत से पारित करके इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट-1947 या भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम-1947 के नाम से स्थापित किया गया। 18 जुलाई 1947 को इस अधिनियम पर सम्राट द्वारा स्वीकृत दी गई ।

माउंटबेटन योजना के आधार पर, ब्रिटिश संसद द्वारा पारित किये गये भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के मुख्य प्रस्ताव थे-

  • 15 अगस्त 1947 से दो स्वतंत्र डोमिनियन स्थापित किए जाएंगे जो भारत और पाकिस्तान के नाम से जाने जाएंगे ।
  • बंगाल तथा पंजाब के दो-दो प्रांत बनाए जाने का प्रस्ताव किया गया। पाकिस्तान को मिलने वाले क्षेत्रों को छोड़कर ब्रिटिश भारत में सम्मिलित सभी प्रांत भारत में संम्मिलित माने गए।

भारतीय संविधान कैसे हुआ तैयार?

संविधान निर्माण के लिए 9 दिसंबर, 1946 को पहली सभा संसद भवन में हुई थी। इस सभा में कुल 299 सदस्य थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष थे और डॉ. भीमराव अंबेडकर कमेटी के चेयरमैन चुने गए थे। करीब 2 साल 11 महीने और 18 दिन में संविधान को लिख कर तैयार किया गया। 26 नवंबर, 1949 को देश ने भारतीय संविधान के मसौदे को स्वीकार किया था।

हाथों से लिखी गई थी संविधान की कॉपी

भारतीय संविधान की पहली कॉपी को हाथों से लिखा गया था। प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान को अपने हाथों से इटैलिक स्टाइल में लिखा था। इसे लिखने में कुल 254 पेन निब्स का इस्तेमाल हुआ था और 6 महीने का वक्त लगा था। उस दौरान लिखित संविधान तैयार करने में करीब 6.3 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।

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