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सांप वाले केस में नोएडा पुलिस के SHO पर गिरी गाज, कर दिए गए लाइन हाजिर

नोएडा. जाने-माने यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी2 के विनर एल्विश यादव (Elvish Yadav) केस में नोएडा पुलिस (Noida Police) के अफसर को लाइन अटैच कर दिया है. दरअसल इस मामले के सामने आते ही पुलिस की लापरवाही की खबरें सामने आईं थी. अब अपर आयुक्‍त (कानून और व्‍यवस्‍था) आनंद कुलकर्णी ने कहा कि इस मामले में लापरवाही करने वाले थाना प्रभारी पर कार्रवाई की गई है. नोएडा के सेक्‍टर 49 के थाना प्रभारी संदीप चौधरी को लाइन अटैक कर दिया गया है. कुछ दिन पहले एल्विश यादव का कथित तौर पर एक वीडियो सामने आया था जिसमें वे प्रतिबंधित सांप के साथ नजर आए थे.

आनंद कुलकर्णी ने कहा कि अभी आरोपी एल्विश यादव वाले मामले की जांच जारी है. जांच के बाद कार्रवाई संभव होगी. एल्विश को जब कोटा पुलिस ने पकड़ा था तब नोएडा पुलिस से संपर्क करने की बात कही जा रही है. इधर, यह भी खबर है कि नोएडा पुलिस के कहने पर उसे छोड़ दिया गया है. बताया गया कि नोएडा पुलिस ने उसे क्‍लीन चिट दे दी है; ऐसा कहना ठीक नहीं है. पुलिस ने कहा कि वे सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और मामले में एल्विश यादव की भूमिका की जांच करेंगे, जिसके बाद ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नोएडा पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में रेव पार्टियों में सांप के जहर के कथित इस्तेमाल को लेकर एल्विश यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बिछाया गया जाल था

नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने कहा था कि शुक्रवार को कोबरा समेत नौ सांपों को गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से मुक्त कराया गया. ये लोग बृहस्पतिवार को एक पार्टी के लिए नोएडा के सेक्टर-51 के एक बैंक्वेट हॉल में आए थे. यह पार्टी दरअसल पशु अधिकार समूह पीपुल फॉर एनिमल्स (पीएफए) द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बिछाया गया जाल था. नोएडा के पुलिस उपायुक्त (प्रभारी) राम बदन सिंह ने कहा कि सांप का 20 मिलीलीटर जहर भी जब्त किया गया है.

पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही, मामले में एल्विश यादव की भूमिका की जांच करेगी

पुलिस के मुताबिक, घटना के वक्त एल्विश यादव नोएडा के बैंक्वेट हॉल में मौजूद नहीं थे. अधिकारी ने कहा कि पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है और मामले में यूट्यूबर की भूमिका की जांच करेगी, जिसके बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पीएफए के पशु कल्याण अधिकारी गौरव गुप्ता की शिकायत के बाद वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के प्रावधानों के तहत यादव और पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

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