‘भारत हमारे लिए 911 कॉल जैसा..’, पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर अपनी ही सरकार पर भड़कीं मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री

भारत और मालदीव में तनातनी के बीच वहां की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी को ‘911 कोड’ याद आया है। उन्होंने नई दिल्ली के साथ उन संबंधों को याद किया है जो वहां की सत्तारूढ़ पार्टी को चुभने वाले हैं। अहमद दीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां मालदीव सरकार की अदूरदर्शिता को दिखाती है। उन्होंने कहा, ‘भारत हमारा विश्वसनीय सहयोगी रहा है, जिसने रक्षा समेत अलग-अलग सेक्टर्स में सहायता की है।’ पूर्व मंत्री ने लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते को कमजोर करने के किसी कोशिशों पर सवाल उठाए।
मारिया अहमद दीदी ने भारत के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों को लेकर निराशा जताई। उन्होंने भारत को मालदीव के लिए ‘911 कॉल’ के तौर पर याद किया, जो जरूरत पड़ने पर हमेशा उनके बचाव के लिए आगे आता है। उन्होंने कहा, ‘यह मौजूदा प्रशासन की अदूरदर्शिता है। हम छोटे देश से हैं जो सभी का मित्र है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हमारे बॉर्डर भारत के साथ लगते हैं। सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हमारी एक समान हैं और भारत ने हमेशा हमारी मदद की है।’ दीदी ने भारत को लेकर कहा कि डिफेंस सेक्टर में भी हमें मदद मिल रही है। वे हमें उपकरण मुहैया कराते रहे हैं और हमें अधिक आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की है।
PM मोदी के खिलाफ टिप्पणी मालदीव के नेताओं को पड़ी भारी
दरअसल, पीएम मोदी ने लक्षद्वीप के समुद्र तट पर बनाया गया वीडियो पोस्ट किया था। इसे लेकर मालदीव के मंत्रियों और कुछ अन्य ने उनके लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जिसके बाद सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया। मालदीव सरकार ने मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी पोस्ट करने वाले तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया। साथ ही उनकी टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है और यह सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।
विपक्षी नेताओं ने भी भारतीय नेता के खिलाफ अधिकारियों की ओर से इस्तेमाल की गई घटिया भाषा की निंदा की है। मालदीव के पूर्व उपराष्ट्रपति अहमद अदीब ने इन टिप्पणियों को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार को माफी मांगनी चाहिए और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारतीय नेता से बात कर राजनयिक संकट को सुलझाना चाहिए। मालूम हो कि 911 नंबर के जरिए दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष बातचीत करते हैं। दोनों देशों के बीच यह इमरजेंसी नंबर है।