डरने के बजाय मैथ्स में मज़ा लें बच्चे… ऐसा पढ़ाई का पैटर्न चाहती है सरकार

नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा के लिए तैयार किए गए नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) ड्राफ्ट में गणित की पढ़ाई में बदलावों को लेकर कई अहम सुझाव दिए गए हैं। जिन छात्रों की गणित विषय में रुचि नहीं होती या फिर जो छात्र गणित से डरते हैं, उनकी सोच में बदलाव लाने के लिए गणित को कला, खेल और भाषा के साथ जोड़ने की सिफारिश की गई है। इस प्रयोग से स्कूली छात्रों के लिए इस विषय को अधिक रचनात्मक बनाने की बात कही गई है।
बाकी विषयों में प्रोजेक्ट वर्क तो गणित में क्यों नहीं
NCF कहता है कि मूल्यांकन के तरीके में भी बदलाव करना होगा। जिस तरह से दूसरे विषयों में प्रैक्टिकल या प्रोजेक्ट वर्क का प्रावधान है, उसी तरह से गणित में भी प्रोजेक्ट वर्क होना चाहिए। छात्रों को तरह-तरह के प्रोजेक्ट करने को दिए जा सकते हैं, जिसमें गणित का प्रयोग हो। राष्ट्रीय संचालन समिति ने समेटिव और फॉर्मेटिव दोनों तरह के असेसमेंट का सुझाव दिया है। जूनियर स्तर पर हर महीने असेसमेंट का सुझाव दिया गया है, जबकि माध्यमिक स्तर के लिए त्रैमासिक मूल्यांकन (मौखिक, लिखित, ऐक्टिविटीज, प्रोजेक्ट) का फॉर्म्युला दिया गया है। लिखित को 80 प्रतिशत और प्रायोगिक/परियोजनाओं को 20 प्रतिशत की वेटेज देने की बात कही गई है।