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‘द कश्मीर फाइल्स’ विवाद पर इजराइली राजदूत को धमकी मिली:कहा- तुरंत भारत छोड़ो

‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन को देश छोड़ने की धमकी मिल रही है। उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर एक मैसेज का स्कीनशॉट शेयर किया। जिसमें लिखा था- ‘हिटलर महान था जो उसने तुम जैसे मैल को जला दिया। तुरंत भारत छोड़ो, हिटलर एक महान व्यक्ति था।’ उन्होंने बताया कि यह मैसेज उन्हें ट्विटर पर भेजा गया है। मैसेज भेजने वाले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मैं उसकी पहचान छिपा रहा हूं, उसकी प्रोफ्राइल में पीएचडी होल्डर लिखा है।

आज भी यहूदी विरोधी भावनाएं मौजूद हैं: गिलोन
इजराइली राजदूत की इस पोस्ट पर भारतीयों ने उनका समर्थन किया है। गिलोन ने एक और ट्वीट कर भारत के लोगों को धन्यवाद कहा। उन्होंने बताया कि पिछली पोस्ट पर उन्हें भारत से भरपूर समर्थन मिल रहा है, इससे मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। वह मैसेज शेयर करने का उद्देश्य सिर्फ यह बताना था कि आज भी लोगों में यहूदी विरोधी भावनाएं मौजूद हैं। हमें मिलकर इसका विरोध करने की जरूरत है।

उन्होंने यह मैसेज फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को अश्लील कहने के बाद शुरू हुए विवाद के बीच आया है। इजराइली राजदूत नादव लेपिड ने गोवा में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एक प्रोपेगंडा और अश्लील फिल्म बताया था। इसके बाद उनके बयान की जमकर आलोचना हुई।

हालांकि गिलोन ने ट्विटर पर एक ओपन लेटर लिखकर भारत से माफी मांगी थी। उन्होंने लैपिड के इस बयान पर उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई। गिलोन ने कहा- भारत की मेजबानी और दोस्ती के बदले लैपिड के बयान पर मैं शर्मिंदा हूं और माफी मांगता हूं। लैपिड का बयान असंवेदनशील और अभिमान से भरा हुआ है, आपको शर्म आनी चाहिए। बता दें कि फिल्म निर्माता नादव लापिड फिल्म फेस्टिवल की जूरी में थे।

‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म साल 1990 में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं और पलायन पर आधारित थी। जो 11 मार्च 2022 को रिलीज हुई थी। इसमें अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे स्टार्स ने लीड रोल निभाया है। कश्मीर फाइल्स ने अच्छा कारोबार किया था। इसने बॉक्स ऑफिस पर 290 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की थी।

PM मोदी ने फिल्म की तारीफ की थी
प्रधानमंत्री मोदी ने BJP संसदीय दल की बैठक में फिल्म की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए। इनसे सच उजागर होता है। फिल्म में जो दिखाया गया है, कश्मीर के उस सच को दबाने की कोशिश की जाती रही है। सब फ्रीडम ऑफ स्पीच की बात करते हैं। इस देश में इमरजेंसी जैसी बड़ी घटना हुई, लेकिन इस पर कोई फिल्म नहीं बनीं। क्योंकि सत्य को बताने का लगातार प्रयास नहीं हुआ।

गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के समापन समारोह में इजराइली फिल्म मेकर के एक बयान के बाद बवाल मचा हुआ है। दरअसल, नदाव लैपिड (इजराइली फिल्म मेकर) ने 28 नवंबर को ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया। लैपिड जब ये बयान दे रहे थे, उस समय मंच पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी मंच पर मौजूद थे।

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