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पनामा में आतंकवाद पर जयशंकर ने पाकिस्‍तान को जमकर धोया, बिलावल के दौरे से पहले आक्रामक तेवर

पनामा सिटी: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय पनामा के दौरे पर हैं। वह यहां पर दो दिनों के दौरे पर पहुंचे हैं। इस दौरान देश के उप विदेश मंत्री व्‍लामीदिर फ्रैंकोस ने उनका स्‍वागत किया। जयशंकर पनामा में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे। मगर इससे पहले जब उन्‍होंने मीडिया से बात की तो पाकिस्‍तान पर निशाना साधा। जयशंकर ने पाकिस्‍तान को ऐसा पड़ोसी करार दिया है जो सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रखे हुए है। जयशंकर के मुताबिक ऐसे पड़ोसी के साथ किसी भी तरह के रिश्‍ते काफी मुश्किल हैं।

पाकिस्‍तान को जमकर सुनाया
पनामा के विदेश मंत्री के साथ एक ज्‍वॉइन्‍ट प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मौजूद जयशंकर ने पाकिस्‍तान को जमकर सुनाया। उन्‍होंने कहा, ‘हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ संपर्क बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल है। हमने हमेशा कहा है कि उन्‍हें अपने उस वादे को पूरा करना होगा जो आतंकवाद को समर्थन न देने और सीमा पार आतंकवाद को बंद करने से जुड़ा है।’

भारत आने वाले हैं बिलावल
इसके बाद उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि एक दिन दोनों देश उस स्थिति में पहुंच जाएंगे। जयशंकर का यह बयान पिछले दिनों पुंछ में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की पहली टिप्‍पणी के तौर पर देखा जा रहा है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो अगले कुछ दिनों में भारत में होंगे। जयशंकर के इस बयान से साफ है कि जब बिलावल शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) सम्‍मेलन में मौजूद होंगे तो उन्‍हें आतंकवाद पर भारत की तरफ से काफी कुछ सुनना होगा। इस बयान से इशारा मिल जाता है कि गोवा में होने वाले सम्‍मेलन में जब भारत, पाकिस्‍तान के साथ मंच साझा करेगा तो वहां पर क्‍या होगा।

जयशंकर का एतिहासिक दौरा

जयशंकर इस दौरे पर पनामा की विदेश मंत्री जनैना टेवेनी से कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। जयशंकर पहले दक्षिणी एशियाई मंत्री हैं जो पनामा के दौरे पर गए हैं। भारत और पनामा के बीच छह दशकों से द्विपक्षीय रिश्‍ते हैं। पनामा के विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा के महत्व पर जोर देते हुए कहा ‘इतिहास में पहली बार, एक भारतीय विदेश मंत्री’ पनामा का दौरा कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक यात्रा जयशंकर के मध्‍य अमेरिका दौरे के बाद टॉप पर आती है। जनवरी में जब जनानिया टिवेनी भारत आई थीं तो उन्‍होंने जयशंकर को आमंत्रित किया था। पनामा का मानना है कि उनका दौरा बताता है कि भारत कितनी तेजी से एक ग्‍लोबल लीडर के तौर पर उभर रहा है।

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