इमरान खान की आग में राख हुआ जिन्ना के सपनों का महल, पाकिस्तानियों ने जलाया ‘कायद’ का घरौंदा

लाहौर: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बादबाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। इस आग में ऐसा लग रहा है कि सबकुछ खाक हो जाएगा। रावलपिंडी से लेकर कराची और लाहौर तक सुलग रहा है। पाकिस्तान आर्मी के अधिकारियों के घर भी जला दिए गए हैं। लाहौर में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों ने सेना के कोर कमांडर का घर जला दिया। यूं तो मंगलवार से लेकर अब तक कई सेना अधिकारियों के घर जलाए गए हैं लेकिन लाहौर का यह घर काफी खास था। यह वही घर था जिसमें पाकिस्तान के संस्थापक और बंटवारे के जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना किसी जमाने में रहा करते थे। यह काफी एतिहासिक घर था और अब सरकार ने पीटीआई समर्थकों पर एफआईआर दर्ज की है।
लाहौर का बंगला नंबर 53
लाहौर कैंट के बंगला नंबर 53 के जलने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। यह पाकिस्तानी आर्मी के कोर कमांडर का घर था। जिस घर को जलाया गया है उसमें सन् 1943 से 1948 तक मोहम्मद अली जिन्ना रहा करते थे। जिन्ना का घर 130 साल पुराना है। जिन्ना को फादर ऑफ पाकिस्तान भी कहा जाता है। यह घर असल में एक भारतीय हिंदू का था। इसके मालिक मोहन लाल भसीन थे। कई दस्तावेजों के मुताबिक यह घर आजादी के पहले से ही सेना के प्रयोग में आने लगा था। ब्रिटिश शासनकाल में इसे आधिकारिक प्रयोग के लिए ले लिया गया था। पाकिस्तान के आधिकारिक रिकॉर्ड्स के मुताबिक जिन्ना ने सन् 1943 में इस घर को खरीदा था। उस समय ब्रिटिश आर्मी इसे प्रयोग कर रही थी। वर्तमान समय में यह पाकिस्तानी सेना के 4 कोर कमांडर का आधिकारिक घर था।
रक्षा मंत्रालय ने लिया लीज पर
इसके बाद 18 फरवरी 1950 के इसे फिर से लीज पर लिया गया। रक्षा मंत्रालय ने जीओसी 10 डिवीजन के आधिकारिक प्रयोग के लिए इसे 500 रुपए में लीज पर लिया था। फिर इसे कोर कमांडर का आधिकारिक निवास बना दिया गया। इस बंगले को लेकर सेना और असैन्य अथॉरिटीज के बीच अक्सर टकराव रहता है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उसने पाकिस्तान के संस्थापक की बहन फातिमा जिन्ना को इस संपत्ति के लिए 3,50,000 रुपए का भुगतान किया। असैन्य अथॉरिटीज इस परिसर को एक विरासत के तौर पर घोषित करना चाहती हैं।