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भारत-अफगानिस्तान के लिए खतरा बना जो बाइडेन का पाकिस्तान प्रेम, इस्लामाबाद को फंड क्यों दे रहा वॉशिंगटन?

वॉशिंगटन: अमेरिका ने पाकिस्तान को एक बार फिर फंडिंग देने का ऐलान किया है। इस बार पाकिस्तान को अफगान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने को लेकर करोड़ों अमेरिकी डॉलर दिए जाएंगे। अमेरिका ने कहा है कि वह अफगानिस्तान सीमा से पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकवादी हमलों को लेकर गंभीर है। इसे रोकने के लिए वह पाकिस्तान के साथ साझेदारी को बढ़ाने को तैयार है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि अमेरिका ने नए बजट में पाकिस्तानी सीमा की सुरक्षा के लिए आर्थिक मदद के विशेष प्रबंध किए हैं। इसके बाद से अंदाजा लगाया जा रहा है कि जो बाइडेन प्रशासन पाकिस्तान को दशकों से बंद फंडिंग को फिर से शुरू करने जा रहा है। इससे कुछ महीने पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमानों के अपग्रेडेशन के लिए करोड़ों डॉलर का स्पेशल पैकेज दिया था।

अमेरिकी सांसदों ने बिलावल को दी जानकारी
पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि उन्हें अमेरिका की यात्रा के दौरान दो वरिष्ठ सीनेटरों ने पाकिस्तान को दी जाने वाली फंडिंग के बारे में जानकारी दी थी। न्यू जर्सी के बॉब मेनेंडेज और साउथ कैरोलिना के लिंडसे ग्राहम ने उन्हें बताया कि 2023 के बजट में पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा को लेकर फंडिग उपलब्ध करवाई गई है। सीनेटर बॉब मेनेंडेज विदेश संबंधों पर सीनेट समिति की अध्यक्षता करते हैं, वहीं सीनेटर ग्राहम एक वरिष्ठ रिपब्लिकन होने के साथ-साथ न्यायपालिका पर सीनेट समिति के प्रमुख हैं।

पाकिस्तानी सेना की मदद कर रहा अमेरिका
अमेरिका की नई आर्थिक मदद परोक्ष तौर पर पाकिस्तानी सेना के लिए है। इसे अफगान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के नाम पर दिया जा रहा है। ऐसे में इस पैसे का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना की ताकत बढ़ाने के लिए किया जाएगा। कुछ महीने पहले पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका दौरे पर गए थे। इस दौरान उन्होंने पेंटागन का भी दौरा किया था। पेंटागन में बाजवा को रिसीव करने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन खुद दरवाजे तक पहुंचे थे। आमतौर पर ऐसी अगवानी किसी देश के रक्षा मंत्री की होती है। इस मुलाकात के दो दिन बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमला कर अल कायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार गिराया था। तभी यह संभावना जताई गई थी कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध मजबूत हो सकते हैं।

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