सोच और नजरिए को लेकर खुलकर बोले Mahesh Bhatt, समय के साथ बूढ़ापा एक्सेप्ट कर लेना चाहिए…. बढ़ती उम्र

नई दिल्ली। दुनिया में समय के साथ हर चीज में बदलाव आता है, फिर वह लोगों की पसंद हो या सिनेमा के सितारों का स्टारडम। पुराने सितारों का स्टारडम ढलता है, तो नया सितारा आगे बढ़कर उसकी जगह लेता है। इसलिए फिल्मकार महेश भट्ट का मानना है कि कलाकारों और फिल्मकारों को भी समय के साथ अपनी ढलान को मान लेना चाहिए और नई प्रतिभाओं को मौका देना चाहिए।
दैनिक जागरण से बातचीत में महेश कहते हैं, ‘हर कलाकार, हर फिल्मकार का एक वक्त होता है, उसके बाद सभी का एक ढलान का वक्त आता है। ढलान कुदरत का नियम है। ऐसे में हर इंसान जाते-जाते अपनी विरासत एक नई पीढ़ी को देकर जाता है।
किसी भी कलाकार या फिल्मकार का हमेशा जिद करना और यह कहना कि हम ही ऊपर रहेंगे, बाकी कोई उस स्तर पर आएगा नहीं, यह बात वरिष्ठ लोगों के शोभा नहीं देती है। मेरी बेटी आलिया (अभिनेत्री आलिया भट्ट) भी अक्सर मेरी कही हुई यह बात दोहराती है कि हमारे यहां लोग बूढ़े हो जाते हैं, बड़े नहीं
यहां बैंक बैलेंस या ओहदे में बड़े होने वाली बात नहीं हो रही है, बात सोच और नजरिए में बड़े होने की है। ऐसा बड़प्पन मिलने के बाद आपकी दूसरों पर नजर पड़ती है कि फलां निर्देशक, निर्माता या संगीतकार में कमाल की बात है। नहीं तो आप हर वक्त स्वयं को अपने ही आइने में देखते रहते हैं।
हमने स्वयं को भी दूसरों की संगत में रहकर ही संवारा है। टूटकर, गिरते-पड़ते हुए अपने आप को संभाला है।’ महेश इन दिनों निर्देशन से दूर फिल्म निर्माण मे सक्रिय हैं।