कई लोग ऐसे आए जैसे अटैक कर देंगे…’, जैन मुनि ने बताया जमीयत के मंच से उतरने के बाद क्या हुआ?

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मंच से उतरने के बाद जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि के साथ बदतमीजी हुई। उनके गिरेबां पर हाथ डालने की कोशिश की गई। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने उनका घेराव किया। खुद लोकेश मुनि ने यह बात कही है। वह रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। उनके साथ कई और धर्मगुरु भी इसमें शामिल हुए थे। लोकेश मुनि ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के बयान से असहमति जताई थी। मंच से ही लोकेश मुनि ने कह दिया था कि वह उनकी बातों से कतई सहमत नहीं हैं। फिर वह तमाम अन्य धर्म गुरुओं के साथ मंच छोड़कर चले गए थे। उन्होंने अरशद मदनी को शास्त्रार्थ की दावत भी दी थी। इस कार्यक्रम में मदनी ने कहा था कि ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ एक ही हैं। उन्होंने मनु और पैंगबर आदम को भी एक ही बताया था। उनके इस बयान के बाद ही हंगामा हो गया था। सद्भाव और सौहार्द्र के लिए आयोजित कार्यक्रम में तीखी तनातनी हो गई थी।
लोकेश मुनि बोले कि कार्यक्रम में उन्होंने किसी तरह की सद्भावना नहीं बिगाड़ी। लेकिन, वह अपनी बात न रखते तो समाज में गलत मैसेज जाता। यही कारण है कि उन्होंने पिता तुल्य अरशद मदनी को शास्त्रार्थ का न्योता दिया। वह इसके लिए देवबंद आने को भी तैयार हो गए।
कार्यक्रम में मदनी ने तमाम धर्मगुरुओं की उपस्थिति में ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ एक बताया। साथ ही यह भी कहा कि मनु और पैगंबर आदम भी एक थे। अरशद मदनी के बयान से लोकेश मुनि नाराज हो गए। उन्होंने मंच से ही इसे लेकर आपत्ति जता दी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद दो गुटों में बंटी है। एक गुट की अगुवाई राज्यसभा के पूर्व सदस्य महमूद मदनी करते हैं। वहीं, दूसरे समूह का नेतृत्व मौलाना अरशद मदनी। अरशद मदनी महमूद मदनी के चाचा हैं। साल 2006 में जब महमूद मदनी के पिता और जमीयत प्रमुख असद अहमद मदनी का इंतकाल हुआ तो उनके और उनके चाचा में खटपट हो गई। इसके चलते संगठन का विभाजन हो गया। इस तरह यह संगठन दो गुटों में बंट गया।
कार्यक्रम में मदनी ने तमाम धर्मगुरुओं की उपस्थिति में ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ एक बताया। साथ ही यह भी कहा कि मनु और पैगंबर आदम भी एक थे। अरशद मदनी के बयान से लोकेश मुनि नाराज हो गए। उन्होंने मंच से ही इसे लेकर आपत्ति जता दी।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद दो गुटों में बंटी है। एक गुट की अगुवाई राज्यसभा के पूर्व सदस्य महमूद मदनी करते हैं। वहीं, दूसरे समूह का नेतृत्व मौलाना अरशद मदनी। अरशद मदनी महमूद मदनी के चाचा हैं। साल 2006 में जब महमूद मदनी के पिता और जमीयत प्रमुख असद अहमद मदनी का इंतकाल हुआ तो उनके और उनके चाचा में खटपट हो गई। इसके चलते संगठन का विभाजन हो गया। इस तरह यह संगठन दो गुटों में बंट गया।