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अंजाम की परवाह किए बिना नेता की आलोचना कर पाए मीडिया… ब्रिटिश संसद में उठा BBC दफ्तर पर सर्वे का मुद्दा

लंदन : कुछ दिनों पहले बीबीसी के दिल्ली और मुंबई ऑफिस में आयकर विभाग की टीम सर्वे के लिए पहुंची थी। अब यह मामला ब्रिटेन की संसद में भी उठा है। ब्रिटिश सरकार और विपक्षी लेबर पार्टी ने बीबीसी का बचाव किया और इनकम टैक्स सर्वे पर चिंता जाहिर की। आयकर सर्वेक्षणों को लेकर विपक्ष के सवालों का ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) के लिए ब्रिटेन के संसदीय अवर सचिव डेविड रटली ने जवाब दिया। डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (DUP) के जिम शैनन ने ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय पर मामले को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।

डेविड ने जवाब देते हुए कहा, ‘हम बीबीसी के लिए खड़े हैं। हम बीबीसी को फंड करते हैं। हमें लगता है कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस बेहद महत्वपूर्ण है। हम चाहते हैं कि बीबीसी को संपादकीय स्वतंत्रता मिले। वह हमारी आलोचना करता है, वह लेबर पार्टी की भी आलोचना करता है। उसमें वह स्वतंत्रता है जो हमारे अनुसार बहुत महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है और हम भारत सरकार सहित दुनियाभर के अपने दोस्तों को इसकी अहमियत के बारे में बताना चाहते हैं।

ब्रिटेन ने उठाए सर्वे पर सवाल

कंजर्वेटिव सांसद जूलियन लुईस और लेबर सांसद फैबियन हैमिल्टन ने कहा कि घटनाक्रम ‘बेहद चिंताजनक’ था। हैमिल्टन ने कहा, ‘किसी भी लोकतंत्र में मीडिया में ‘नतीजों के डर के बिना’ राजनीतिक नेताओं की आलोचना करने की क्षमता होनी चाहिए। यह स्पष्ट रूप से इस स्थिति में लागू होता है।’ जिम शैनन ने कहा, ‘साफ शब्दों में कहा जाए, यह देश के नेता को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री के बाद डराने-धमकाने का एक जानबूझकर किया गया कार्य था।

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने खड़ा किया विवाद

बीबीसी के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘आयकर अधिकारी इस समय नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों में हैं और हम पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि यह स्थिति जल्द से जल्द सुलझ जाएगी।’ ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) द्वारा दो एपिसोड वाली डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ प्रसारित किए जाने के कुछ हफ्तों बाद यह औचक कार्रवाई हुई। इस बीच, मंगलवार सुबह सर्वेक्षण की खबर आने के साथ ही ब्रिटेन में लोग हैरान रह गए और आम सहमति यह थी कि यह कार्रवाई पिछले महीने प्रसारित विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जुड़ी है।

इनकम टैक्स सर्वे को बताया ‘बदला’

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रमुख लेखिका और शिक्षाविद मुकुलिका बनर्जी ने कहा, ‘हर कोई हैरान है और किसी को भी मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। आज का कर सर्वेक्षण, जैसा कि कहा जा रहा है, बीबीसी के हालिया वृत्तवित्र ‘द मोदी क्वेश्चन’ का बदला है।’ उन्होंने कहा, ‘बीबीसी एक स्वतंत्र सार्वजनिक प्रसारक है, इसलिए अगर वह कोई वृत्तचित्र बनाता है, तो वह ब्रिटिश सरकार के इशारे पर काम नहीं कर रहा है। वास्तव में, बीबीसी के पत्रकार नियमित रूप से ब्रिटिश प्रधानमंत्री और सभी निर्वाचित अधिकारियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराते हुए उनसे सवाल करते करते हैं।’

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