देश

मिडिल क्लास, महिलाएं… बजट घोषणाओं से यूं ही जोश में नहीं आई भाजपा, आगे तैयार है मिशन 2024

नई दिल्ली: इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल 2024 में आम चुनाव है। ऐसे में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट पर पूरे देश की नजरें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समाज के सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की तो भाजपा नेताओं का उत्साह बढ़ गया। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने निराशा जाहिर की, पर भाजपा नेता इसे अमृतकाल की मजबूत आधारशिला रखने वाला बजट बता रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि यह सर्वसमावेशी और दूरदर्शी बजट हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली मोदी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को और गति देगा। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। शाह ने अपने ट्वीट में मिडिल क्लास को टैक्स में राहत, महिलाओं-आदिवासियों और सबसे बैकवर्ड क्लास को सशक्त करने के उपायों का जिक्र किया। 7 लाख टैक्स फ्री की काफी चर्चा है। मिडिल क्लास और वेतनभोगी अपनी सैलरी का कैलकुलेशन और फायदा समझ रहे हैं। ऐसे में शाह ने लिखा, ‘मध्यम और वेतनभोगी वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत देने के लिए मोदी जी का आभार। टैक्स रिबेट को 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 7 लाख करना और टैक्स स्लैब में हुए अभूतपूर्व बदलाव से मध्यम वर्ग 

को बहुत लाभ होगा। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को दी गई राहत का भी मैं स्वागत करता हूं।’
समृद्ध और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए बड़ी ताकत है मिडिल क्लास, हमारी सरकार ने इसे सशक्त बनाने के लिए कई फैसले लिए हैं।

भाजपा ने मिडिल क्लास को लुभाया

दरअसल मोदी सरकार का लगातार फोकस किसानों, गरीबों, आदिवासियों पर रहा है, लेकिन एक ऐसा पर्सेप्शन बन चुका था कि सरकार मिडिल क्लास को इग्नोर कर रही है, यह जानते हुए कि इसने हाल के चुनावों में भाजपा को सपोर्ट किया और जीत में उसकी प्रमुख भूमिका रही। टैक्स रिलीफ और टैक्स स्लैब में बदलावों के ऐलान को मोदी सरकार के लगातार सपोर्ट के लिए मिडिल क्लास को तोहफा माना जा रहा है।

आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि पार्टियों का पूरा फोकस गरीब आबादी पर रहता है, उनके कल्याण की बात करते हुए वोट हासिल करने की कोशिश होती है लेकिन मिडिल क्लास एक बड़ी चुनावी ताकत के रूप में उभरा है। 1.35 अरब आबादी वाले देश में एक तिहाई मिडिल क्लास समझा जाता है। इनकम टैक्स में राहत की जो भी घोषणाएं वित्त मंत्री ने की हैं, उसका सीधा असर 2024 के चुनावों में दिख सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे अधूरे हैं। 2014 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तब नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। उन्होंने (केंद्र सरकार ने) 2022 तक 80 करोड़ नौकरियां/रोजगार देने का वादा किया था। अब साल 2023 आ गया है लेकिन उनकी जुमलेबाजी की आदत नहीं गई।
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह बजट भारत की तेज वृद्धि और विकास का खाका है। शाह ने लिखा कि यह बजट मोदी सरकार की सशक्त बुनियादी ढांचे और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले नए भारत बनाने की दूरदर्शिता को दर्शाता है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह बजट लोक कल्याणकारी है और यह गांव, गरीबों और किसानों को सशक्त करेगा। 2024 को ध्यान में रखकर देखें तो पता चलता है कि इस बजट के जरिए हर वर्ग को लाभ और राहत पहुंचाने की कोशिश की गई है। भाजपा नेताओं के बयानों में भी वह बात स्पष्ट होती है।

BJP अध्यक्ष ने कहा कि यह बजट आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, दिव्यांगजनों, आर्थिक रूप से पिछड़े और मिडिल क्लास के लोगों को सशक्त और सक्षम बनाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘यह गांव के विकास, कृषि विकास, श्रमिकों के कल्याण, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित पूरे देश के समग्र विकास को समर्पित बजट है।’ नड्डा ने कहा, ‘यह बच्चों की पढ़ाई, मिडिल क्लास की कमाई और बुजुर्गों की भलाई पर जोर देने वाला बजट है।’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।

मोदी सरकार का बजट BJP के प्रति जनता के लगातार गिरते विश्वास का सबूत है! ये केवल चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया, देश को ध्यान में रखकर नहीं! इस बजट में बेरोजगारी का हल ढूंढने की कोशिश नहीं की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 का केंद्रीय बजट किसानों, महिलाओं, हाशिए पर पड़े वर्गों और मिडिल क्लास को सहायता देने की प्राथमिकता के साथ विकास और कल्याण पर केंद्रित है। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बजट छोटे व्यापारियों, किसानों और पेशेवरों सहित समाज के सभी वर्गों को समान रूप से फायदा पहुंचाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश बजट किसानों, महिलाओं, वंचित वर्गों और मिडिल क्लास को सहायता देने को प्राथमिकता दी गई है।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button