खेल

TOI में खबर छपी तो पिघला मुंबईकर का दिल, हॉकी गोलकीपर Khushboo Khan के लिए खरीद दिया 3 BHK फ्लैट

रमेंद्र सिंह, भोपाल: बारिश होती थी तो छत झरना बन जाता था। गर्मी में घर किसी भट्टी की तरह उबलने लगता था। तेज हवा का झोंका आने भी से रूह कांप जाती थी कि कहीं छप्पर उड़ न जाए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अपनी महिला हॉकी टीम की होनहार गोलकीपर खुशबू खान को घर मिल गया है। दरअसल, यह हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर का असर है। 2022 में छपी इस खबर को पढ़ने के बाद मुंबई के बुजुर्ग शिवा गुलवाडी ने 3 बीएचके फ्लैट खरीदा है।

दूसरी ओर, रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुंबईकर शिवा हिल गए। उन्होंने बताया, ‘उनकी कहानी पढ़ने के बाद मुझे अहसास हुआ कि विभिन्न देशों में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद वह और उनका परिवार कितने दर्द से गुजर रहा था। भगवान की कृपा से उन्हें अब घर एक महीने के भीतर मिल जाएगा।’ खुशबू, जो अब सीनियर राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरु में हैं, इसे खुश हैं। उन्होंने बताया, ‘मैं और मेरा परिवार हमेशा शिवा सर के सपोर्ट के लिए शुक्रगुजार रहेंगे।’

उन्होंने कहा- इन सभी वर्षों में हमें पक्का घर दिलाने में मदद करने के अधिकारियों के वादे कभी हकीकत में नहीं बदले। मुझे एक विकल्प दिया गया था, लेकिन वह इलाका रहने लायक नहीं था। 2017 के बाद से खुशबू बेल्जियम, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, दक्षिण अफ्रीका, बेलारूस और आयरलैंड में भारतीय जूनियर टीम की दमदार गोलकीपर रही हैं। वह दो बार ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड जा चुकी हैं और 2021 में जूनियर विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि, घर पर उनके परिवार का संघर्ष वैसा ही था जैसा था।

20 वर्षीय युवा हॉकी स्टार को महीने करीब 36 लाख रुपये कीमत वाले अपार्टमेंट की चाबी मिल

खुशबू के चार भाई-बहन हैं और उनके पिता शब्बीर खान परिवार का पेट पालने के लिए ऑटो चलाते हैं। खुशबू को अभी सीनियर टीम में डेब्यू करना है। 53 साल के शब्बीर ने कहा- बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते देखना आश्चर्यजनक लगता है। मैं उसे भविष्य में भी इसी तरह खेलते हुए देखना चाहता हूं। देश का प्रतिनिधित्व करते हुए वह हवाई जहाज से यात्रा करती है और बड़े होटलों में ठहरती है, लेकिन जब वह घर वापस आती है तो जीवन अलग होता है। उसे इस पुरानी जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी में रहना पड़ता है। उन्होंने कहा- अधिकारियों से आश्वासन मिला है। उनमें से कुछ ने हमसे कई बार मुलाकात की लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेरी बेटी एक उचित घर की हकदार है। शिवा सर मदद के साथ आगे आए।

 जाएगी। पिछले छह वर्षों से खुशबू दुनियाभर में देश का मान बढ़ा रही हैं। इसके बावजूद उनके पास भोपाल में रहने के लिए झोंपड़ी ही थी। 27 मई, 2022 को टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुशबू की इस दर्दनाक सच्चाई को दुनिया के सामने लाने का काम किया था। TOI की इस रिपोर्ट के बाद कई लोग खुशबू की मदद के लिए आगे आए।

खुशबू के चार भाई-बहन हैं और उनके पिता शब्बीर खान परिवार का पेट पालने के लिए ऑटो चलाते हैं। खुशबू को अभी सीनियर टीम में डेब्यू करना है। 53 साल के शब्बीर ने कहा- बेटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते देखना आश्चर्यजनक लगता है। मैं उसे भविष्य में भी इसी तरह खेलते हुए देखना चाहता हूं। देश का प्रतिनिधित्व करते हुए वह हवाई जहाज से यात्रा करती है और बड़े होटलों में ठहरती है, लेकिन जब वह घर वापस आती है तो जीवन अलग होता है। उसे इस पुरानी जीर्ण-शीर्ण झोपड़ी में रहना पड़ता है। उन्होंने कहा- अधिकारियों से आश्वासन मिला है। उनमें से कुछ ने हमसे कई बार मुलाकात की लेकिन कुछ नहीं हुआ। मेरी बेटी एक उचित घर की हकदार है। शिवा सर मदद के साथ आगे आए।

दूसरी ओर, रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुंबईकर शिवा हिल गए। उन्होंने बताया, ‘उनकी कहानी पढ़ने के बाद मुझे अहसास हुआ कि विभिन्न देशों में भारतीय हॉकी टीम का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद वह और उनका परिवार कितने दर्द से गुजर रहा था। भगवान की कृपा से उन्हें अब घर एक महीने के भीतर मिल जाएगा।’ खुशबू, जो अब सीनियर राष्ट्रीय शिविर के लिए बेंगलुरु में हैं, इसे खुश हैं। उन्होंने बताया, ‘मैं और मेरा परिवार हमेशा शिवा सर के सपोर्ट के लिए शुक्रगुजार रहेंगे।’

उन्होंने कहा- इन सभी वर्षों में हमें पक्का घर दिलाने में मदद करने के अधिकारियों के वादे कभी हकीकत में नहीं बदले। मुझे एक विकल्प दिया गया था, लेकिन वह इलाका रहने लायक नहीं था। 2017 के बाद से खुशबू बेल्जियम, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली, दक्षिण अफ्रीका, बेलारूस और आयरलैंड में भारतीय जूनियर टीम की दमदार गोलकीपर रही हैं। वह दो बार ऑस्ट्रेलिया और आयरलैंड जा चुकी हैं और 2021 में जूनियर विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। हालांकि, घर पर उनके परिवार का संघर्ष वैसा ही था जैसा था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button