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अमेरिका में निर्मला सीतारमण ने दिखाया आईना, भारत में मुसलमानों का हाल पाकिस्‍तान से कहीं ज्‍यादा बेहतर

वॉशिंगटन: भारतीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका स्थित पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स (पीआईआईई)में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के लिए पश्चिमी देशों की एक धारणा पर जमकर फटकार लगाई है। यहां पर सीतारमण ने भारत के लिए नकारात्मक पश्चिमी धारणा पर करारा जवाब दिया है। सीतारमण ने यहां पर कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति, पाकिस्तान में रहने वाले मुसलमानों की तुलना में बहुत बेहतर है। सीतारमण रविवार को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक मीटिंग में हिस्‍सा लेने के लिए पहुंची हैं।गलत धारणाओं पर न करें यकीन
निर्मला सीतारमण से भारत में निवेश या पूंजी प्रवाह पर असर डालने वाली धारणाओं से जुड़ा एक सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में सीतारमण ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसका जवाब उन निवेशकों के पास है जो भारत आ रहे हैं। ये वो निवेशक हैं जो पिछले कई सालों से भारत आ रहे हैं। कोई भी निवेशक जो निवेश हासिल करने में रूचि रखता है, उन्‍हें मैं सिर्फ यही कहूंगी कि वो ये देखें कि भारत में क्या हो रहा है न कि उन कुछ लोगों की गलत धारणाओं पर यकीन करें जो जमीनी हकीकत से वाकिफ नहीं हैं और बस रिपोर्ट तैयार कर देते हैं।’

बंटवारे का जिक्र बताई सच्‍चाई
इसके बाद पीआईआईई के अध्यक्ष एडम एस पोसेन ने सीतारमण से पूछा पश्चिमी मीडिया में विपक्षी दल के सांसदों की स्थिति खोने और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हिंसा के बारे में बड़े स्‍तर पर रिपोर्टिंग हो रही है। इस पर वित्त मंत्री ने जवाब दिया, ‘दुनिया में भारत वह देश है जहां पर दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है और इसमें इजाफा ही हो रहा है। अगर कोई धारणा है या इसमें कोई वास्‍तविकता है या फिर अगर किसी को लगता है कि भारत में राज्‍यों के समर्थन से मुसलमानों का जीवन मुश्किल बना दिया गया है तो क्या मुस्लिम आबादी में सन् 1947 की तुलना में इजाफा होता?’ सीतारमण ने इसके बाद बंटवारे का जिक्र किया। उन्‍होंने बंटवारे के समय के भारत और नए बने देश पाकिस्तान के बीच तुलना की।

भारत और पाकिस्‍तान में मुसलमान
सीतारमण ने कहा कि अगर कहीं अल्‍पसंख्‍यकों की संख्‍या में गिरावट आई है तो वह पाकिस्तान है। पाकिस्‍तान जिसपने खुद को एक इस्लामिक देश घोषित किया हुआ है और जिसने अल्‍पसख्‍ंयकों की रक्षा करने का वादा किया था, आज वहां हर अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या में कमी आई है। उनका कहना था कि यहां तक कि कुछ मुस्लिम संप्रदायों का भी सफाया हो गया है। सीतारमण ने कहा, ‘मुहाजिरों, शिया और हर दूसरे समूह के खिलाफ हिंसा होती है, जिसका आप नाम ले सकते हैं। ये ऐसे मुसलमान समुदाय हैं जिन्‍हें मुख्यधारा में स्वीकार ही नहीं किया जाता है। जबकि भारत में आप पाएंगे कि हर वर्ग का मुसलमानों अपना व्यवसाय कर रहा है, उनके बच्चे शिक्षित हो रहे हैं।’ सीतारमण ने बताया कि कुछ समुदायों के बच्‍चों को सरकार द्वारा फैलोशिप दी जा रही है।

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