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5 साल में IIT से SC और ST के छात्रों के साथ भेदभाव का कोई मामला नहीं, संसद में बोली सरकार

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि पिछले पांच साल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के साथ जातिगत भेदभाव और अलगाव का कोई मामला सामने नहीं आया है। शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘विगत पांच साल में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों के साथ जातिगत भेदभाव और अलगाव का कोई मामला सामने नहीं आया है। जहां तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का संबंध है, जातिगत भेदभाव का कोई डाटा केंद्रीय स्तर पर नहीं रखा जाता है।’ उन्होंने कहा कि आईआईटी में 2018 के बाद से अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा आत्महत्या के सात मामले दर्ज किए गए हैं।

सरकार ने कहा, ‘अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के किसी भी मुद्दे का सक्रिय रूप से समाधान करने के लिए, संस्थानों ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्र प्रकोष्ठ, समान अवसर प्रकोष्ठ, छात्र शिकायत प्रकोष्ठ, छात्र शिकायत समिति, छात्र सामाजिक क्लब, संपर्क अधिकारी, संपर्क समिति आदि जैसे तंत्र स्थापित किए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों के बीच भेदभाव के उन्मूलन हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किए हैं।

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