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जैसलमेर: सेना के साथ आए अधिकारी, 1 घंटे में लगाए 5 लाख पौधे, बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारत-पाक सरहद पर बसा सरहदी जिला जैसलमेर जो रेतीले टीलों के नाम से जाना जाता है. लेकिन अब यहां हरित क्रांति का संदेश देने के लिए जैसलमेर में प्रादेशिक सेना पौधारोपण में नया इतिहास रचने जा रही है. प्रादेशिक सेना की 128 वीं पैदल वाहिनी (इको टास्क फोर्स) ने रविवार को जैसलमेर में 1 घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. रेतीले धोरों के नाम से विश्व विख्यात जैसलमेर को हरा भरा बनाने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें जिला प्रशासन, सेना, बीएसएफ, एयर फोर्स, पंचायतराज वन विभाग सहित आमजन भी भागीदारी निभाई दिखाई.

5 लाख पौधों को लगाने का यह कार्यक्रम जैसलमेर के मिलिट्री स्टेशन, न्यू लिंक रोड रानीसर, मोहनगढ़, सम, देगराय मंदिर देवीकोट व हमीरा में आयोजित हुआ. रविवार सुबह 11:00 बजे से ये कार्यक्रम से 12:00 बजे तक चला. इस कार्यक्रम में जैसलमेर जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत, पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी, जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी, जिला प्रमुख प्रताप सिंह सोलंकी, BSF नार्थ सेक्टर के DIG योगेंद्र सिंह राठौड़ और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जैसलमेर की जनता ने भी अपनी भागीदारी निभाई. सभी लोगों ने पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है.

एक घंटे में लगाए 5 लाख पौधे

वहीं इस मुहिम में सरहद की रखवाली करने वाले बीएसएफ के जवान अपनी भागीदारी बीते लंबे समय से निभा रहे हैं. बता दें कि पिछला विश्व रिकॉर्ड 1 घंटे में 3 लाख 31 हजार पौधे लगाने का है. वहीं इस बार 5 लाख पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. पौधे लगाने के बाद इस रिकार्ड को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाया जाएगा.

विश्व पटल पर जैसलमेर पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखता है. वहीं जैसलमेर आने वाला हर कोई पर्यटक गड़ीसर को निहारने की इच्छा रखता है. ऐसे में गड़ीसर आगोर में भी पौधरोपण का कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान 1 लाख 80 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य था. जिसमें बीएसएफ, एयर फोर्स, जिला प्रशासन के साथ ही जैसलमेर शहर के लोग भी शामिल हुए और करीब 5000 लोगों ने इस रिकार्ड को पूरा करने में अपनी भागीदारी निभाई.

5 लाख पौधों का रखा था लक्ष्य

ईटीएफ (इको टास्क फोर्स) ने इस बार नया रिकॉर्ड बनाने के लिए 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए ईटीएफ ने साढ़े तीन लाख से अधिक पौधे स्वयं तैयार किए. वहीं करीब डेढ़ लाख पौधे उन्होंने वन विभाग से निर्धारित दर पर खरीदे. जैसलमेर की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन पौधों में मुख्यत नीम, खेजड़ी, रोहिडा, कुमट, इमली, करंज व बेर के पौधे लगाए गए.

1997 से ईटीएफ कर रही पौधारोपण

प्रादेशिक सेना की 128 वीं पैदल वाहिनी जिसे इको टास्क फोर्स के नाम से भी जाना जाता है. जिसने अब तक 26 सालों में बीस हजार हेक्टेयर जमीन पर 2 करोड़ के करीब पौधे लगाए हैं. ये वाहिनी पौधारोपण के बाद 4 साल तक इन पौधों की देखभाल भी करती है. हर साल पौधारोपण के दौरान जहां 10% पौधे खराब हो जाते हैं. वहीं इनकी कढ़ी मेहनत से 90% पौधे वृक्ष का रूप ले लेते हैं.

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