रमजान में पाकिस्तान में हर तरफ हाहाकार, एक दर्जन केले के दाम 500 रुपए, अंगूर 1600 रुपए किलो
इस्लामाबाद: भयंकर आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान के लिए इस बार रमजान काफी मुश्किल हो गया है। देश में रोजमर्रा की चीजों के अलावा आटा भी आम जनता की पहुंच से दूर हो गया है। साथ ही जो खबरें आ रही हैं, उस पर अगर यकीन करें तो केले और अंगूर जैसे फल तो अब सपने की तरह हो गए हैं। देश में इस समय केला और अंगूर जिस दाम पर बिक रहा है, उसे जानकर आपके होश भी उड़ जाएंगे। मुल्क को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उसे पाकिस्तान की जगह श्रीलंका की मदद करना बेहतर समझा है। अब आगे इस देश का क्या होगा, कोई नहीं जानता।
एक दर्जन केला 500 रुपए का
पाकिस्तान में इस समय एक दर्जन केले की कीमत 500 रुपए तक पहुंच गई है। इसके अलावा अंगूर 1600 रुपए प्रति किलो पर बिक रहा है। प्याज की कीमतों में 228.28 फीसदी का इजाफा हुआ है। जबकि आटे की कीमत 120.66 फीसदी तक बढ़ गई है। पिछले दिनों देश में 51 चीजों की कीमतों को ट्रैक किया गया है और हर चीज कई गुना तक महंगी हो गई है। केले की कीमतों को 89.84 फीसदी का इजाफा हुआ है। देश में डीजल इस समय 102.84 फीसदी और पेट्रोल 81.17 फीसदी तक महंगा बिक रहा है। जबकि अंडे की अगर बात करें तो इसके दाम में करीब 80 फीसदी की तेजी आई है। पाकिस्तान का आर्थिक संकट हर गुजरते दिन के साथ गहराता जा रहा है।
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (पीबीएस) के अनुसार, संवेदनशील मूल्य संकेतक (एसपीआई) पर आधारित महंगाई दर 22 मार्च को समाप्त सप्ताह में साल दर साल 47 प्रतिशत दर्ज की गई है। आईएमएफ के एक अधिकारी ने कहा है कि देश के लिए राहत पैकेज अब पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय लेनदारों के बीच फंसकर रह गया है। रॉयटर्स की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान और इसे कर्ज देने वाले देशों को एक प्रस्तावित ईधन मूल्य स्कीम पर साइन करना होगा और इसके बाद यह मसला हल हो जाएगा।
पाकिस्तान और आईएमएफ दोनों के बीच 1.1 बिलियन डॉलर वाले कर्ज के लिए एक समझौते पर बातचीत जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने अमीर और प्रभावशाली ग्राहकों को ईंधन के लिए ज्यादा फीस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जो भी रकम इससे मिलेगी उसका उपयोग गरीबों के लिए कीमतों में सब्सिडी के लिए किया जाएगा। पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा कि उनकी सरकार को ईंधन मूल्य निर्धारण योजना पर काम करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया है।