दुनिया

बलूचिस्तान में मछुआरों के खिलाफ उतरी पाकिस्तानी सरकार, प्रदर्शन करने पर लगाई रोक, कर्फ्यू लागू

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में इस हफ्ते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक संघर्ष हुआ था। इसमें एक पुलिसकर्मी की मौत भी हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने बंदरगाह शहर ग्वादर में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगू करने के साथ कर्फ्यू लगा दिया है। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी। मौलाना हिदायतुर रहमान के नेतृत्व में हक दो तहरीक (HDT) नामक संगठन से जुड़े प्रदर्शनकारी लगभग दो महीने से स्थानीय मछुआरों की जगह मशीनीकृत नौकाओं के जरिए अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस इलाके के स्थानीय मछुआरे अपनी आजीविका के लिए पीढ़ियों से मछली पकड़ने के व्यापार पर निर्भर हैं।

आमतौर पर शांतिपूर्ण रहा विरोध प्रदर्शन इस हफ्ते तब हिंसक हो गया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप झड़पें हुईं, जिसमें मंगलवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। पुलिस प्रवक्ता असलम खान ने बताया कि हाशमी चौक पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कांस्टेबल यासिर के गले में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। बलूचिस्तान के गृह मंत्री मीर जियाउल्लाह लैंगोव ने कहा कि प्रांतीय सरकार ने पहले ही HDT की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है और विरोध का कोई कारण नहीं है।

आतंकवाद के खिलाफ शहबाज ने की मीटिंग

पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक एवं सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को देश में "आतंकवाद की हालिया लहर" को परास्त करने का संकल्प लिया और चेतावनी दी कि किसी को भी राष्ट्रीय सुरक्षा की अहम धारणा को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में बढ़ते आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक बुलाई थी। एनएससी देश की सुरक्षा संबंधी निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।

TTP बना पाकिस्तान के लिए खतरा

NSC की बैठक में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) आतंकी समूह से पैदा हुए खतरे का मुकाबला करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई। टीटीपी नवंबर में पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते से आधिकारिक रूप से हट गया था। उसके बाद आतंकी समूह ने कई हमले किए हैं। शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों और अन्य उच्च अधिकारियों ने भी भाग लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button