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तालिबान की धमकी के बाद बदले पाकिस्तान के सुर, बिलावल बोले- अफगानिस्तान पर नहीं करेंगे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि पाकिस्तान का अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर किसी ऑपरेशन का कोई इरादा नहीं है। बिलावल ने स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर अनादोलु एजेंसी से कहा कि हमें क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन शुरू करने में ‘कोई दिलचस्पी नहीं’ है। एक लंबा युद्ध देखने के बाद हम और सैन्य हस्तक्षेप की वकालत नहीं करते हैं। अगस्त 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंध सहज नहीं रहे हैं। हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकी हमले तेज हो गए हैं।

पाक सरकार इन हमलों के लिए तहरीक-ए-तालिबान को जिम्मेदार ठहराती है, एक ऐसा प्रतिबंधित आतंकी समूह जिस पर अफगान तालिबान की शरण का आरोप लगता है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि सरकार उन आतंकवादी संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। सरकारी समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान’ के अनुसार दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के साथ एक इंटरव्यू में, बिलावल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रति तुष्टिकरण की नीति अपनाने का भी आरोप लगाया।

‘आतंकवादी संगठनों से नहीं होगी कोई बातचीत’

उन्होंने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि अगर हम अफगान अंतरिम सरकार के साथ काम कर सकते हैं, जिसका इन समूहों पर प्रभाव है, तो हम अपनी सुरक्षा कायम रखने में सफल होंगे।’ उन्होंने कहा कि देश का नया नेतृत्व, राजनीतिक और सैन्य दोनों, उन आतंकवादी संगठनों से कोई बातचीत नहीं करेगा जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। बिलावल से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान को उम्मीद है कि नई अफगान सरकार टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

‘हम दोनों आतंकवाद के शिकार’

उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘हम दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। मैं नहीं मानता कि आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान की सरकार अपने दम पर सफल होगी और न ही हम अपने दम पर आतंकवाद के खिलाफ सफल होंगे। हमें मिलकर काम करना होगा।’ बिलावल ने कहा, ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का पूरा उद्देश्य पाकिस्तान को एक लोकतांत्रिक देश बनाना है। हमारा मानना है कि चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने का एकमात्र तरीका लोकतंत्र है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस साल प्रधानमंत्री बन सकते हैं, बिलावल ने कहा कि उन्हें पहले चुनाव जीतना होगा।

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