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संसद का हाल: बिना चर्चा 9 मिनट में लोकसभा में पास किया 45 लाख करोड़ का खर्च

नई दिल्ली: संसद में सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच गतिरोध जारी है। हालांकि गुरुवार को सरकार लोकसभा में बिना किसी चर्चा के 9 मिनट से भी कम समय में विनियोग विधेयक पास कराने में सफल रही और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के खर्च को मंजूरी मिल गई। लोकसभा में अगले वित्त वर्ष के बजट में विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के लिए प्रस्तावित अनुदानों की मांगों और उनसे संबंधित विनियोग विधेयक को ‘गिलोटिन’ के माध्यम से बिना चर्चा के मंजूरी प्रदान कर दी। विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान की मांगों को एक साथ बिना चर्चा के पारित कराने की प्रक्रिया गिलोटिन कहलाती है। इसके तहत सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की संचित निधि से करीब 45 लाख करोड़ रुपये निकालने को अधिकृत किया गया है ताकि वह कार्यक्रमों एवं योजनाओं को लागू करने के लिए इसका उपयोग कर सके।

प्रस्तावों को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई

केंद्रीय बजट से संबंधित करीब 100 मंत्रालयों एवं विभागों से जुड़ी अनुदानों की बकाया मांगों को एक साथ बिना चर्चा कराए ‘गिलोटिन’ के माध्यम से सदन की मंजूरी के लिए रखा गया। सदन ने इस संबंध में कुछ सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को नामंजूर करते हुए इसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी । इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे। उनकी मौजदूगी में कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में आगामी वित्त वर्ष में भारत की संचित निधि से नियत राशि के संदाय और विनियोग को प्राधिकृत करने के लिए विनियोग विधेयक 2023 सदन में रखा। सदन ने विनियोग विधेयक को भी मंजूरी दे दी। इस प्रक्रिया के साथ बजट पर सामान्य चर्चा और विभिन्न मंत्रालयों से संबंधित अनुदान मागों और तत्संबंधी विनियोग विधेयक को सदन की मंजूरी का चरण सम्पन्न हो गया है।

सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा

कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए आगे की रणनीति पर चर्चा की। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, डीएमके के टीआर बालू, SP के रामगोपाल यादव, आप के संजय सिंह और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और कुछ अन्य सदस्यों ने अडाणी समूह के मामले की जांच के लिए जेपीसी गठित किए जाने की मांग को लेकर कार्यस्थगन के नोटिस दिए।

विपक्षी दलों ने किया विरोध प्रदर्शन

गुरुवार की सुबह संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों ने अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल शामिल हुए। जेपीसी की मांग को लेकर दोपहर को विपक्षी दल संसद परिसर में मार्च करते हुए भीमराव आंबडेकर की प्रतिमा के सामने इकठ्ठा हुए। उन्होंने JPC की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मीडिया में कहा कि यह सरकार चाहती है कि संसद सदस्य रिकॉर्ड नहीं देखें, वह हर सूचना को गोपनीय रखना चाहती है, वह पारदर्शिता नहीं चाहती है। इसीलिए वे लोकतांत्रिक संस्थाओं, लोकतांत्रिक तौर तरीकों और संविधान को खत्म करना चाहते हैं। खरगे का कहना था कि हम डरेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं। हम अपनी मांग जारी रखेंगे।

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