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कंगाल पाकिस्तान हो गया बर्बाद, फैक्ट्रियां बंद कर रहीं अपना काम, जिन्ना के देश में बर्बादी का आलम देखिए

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है। लोगों के पास खाने को नहीं है। लेकिन अब पैसे की कमी का सीधा असर पाकिस्तान के उद्योगों पर भी दिखने लगा है। देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति से उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। कई कंपनियों ने घोषणा की है कि वे अपना संचालन बंद कर रही हैं। पाकिस्तान में धागों के निर्माता और विक्रेता खालिद सिराज टेक्सटाइल मिल्स ने शुक्रवार को घोषणा की है कि 31 मार्च तक मिल बंद कर दी जाएगी।

मिल बंद होने के पीछे बाढ़ की तबाही और आयात प्रतिबंधों का हवाला दिया गया है। यह कंपनी पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड है। स्टॉक एक्सचेंज को उसने एक नोटिस के जरिए यह जानकारी दी है। नोटिस में कहा गया, ‘बाढ़ के कारण कपास की फसद बर्बाद हो गई। इसके अतिरिक्त राजनीतिक अव्यवस्था, आयात प्रतिबंध और रुपए की गिरती कीमतों ने स्थिति को और भी खराब किया है।’ कंपनी ने कहा कि इन सभी कारकों के कारण महंगाई में बढ़ोतरी हुई है। रुपया कमजोर हुआ है, कपास और बिजली की कीमत बढ़ी है।

टायर बनाने वाली कंपनी बंद

पाकिस्तान में लगातार आर्थिक संकट देखा जा रहा है। राजनीतिक रूप से अस्थिरता देखी जा रही है। इस सब के बीच उसे एक भारी भरकम कर्ज लौटाना है। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के चलते उसे आयात करने में मुश्किलें आ रही हैं। पाकिस्तान में टायर और ट्यूब बनाने वाली कंपनी घंधारा टायर एंड रबर कंपनी लिमिटेड (GTYR) ने 13 फरवरी से अपना प्रोडक्शन अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। हालांकि 20 फरवरी को वह इसे फिर शुरु करेगी।

कच्चा माल न आने से दिक्कत

कंपनी की ओर से कहा गया है कि उसे लगातार कच्चा माल विदेशों से मंगाने में दिक्कतें हो रही हैं। उनके कंटेनर बंदरगाहों पर पड़े हुए हैं। लेकिन पेमेंट न होने से उन्हें क्लीयरेंस नहीं मिल रहा। कंपनी ने कहा है कि आगे का फैसला लेने के लिए वह कुछ दिनों तक स्थिति पर नजर रखेंगे। कई रिपोर्ट्स कह चुकी हैं कि पाकिस्तान में आर्थिक संकट का सबसे बुरा असर टेक्सटाइल उद्योग पर पड़ेगा। इससे लगभग 70 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।

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