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भारत की ताकत समझाने को Rajnath Singh ने सुनाई बजरंग बली की कथा, मंच पर मोदी भी बैठे थे

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की ताकत समझाने को आज बजरंग बली का जिक्र किया। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह में राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में हमारा देश दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। वैश्विक मंच पर हमने लोगों से यह कहते सुना है कि 21वीं सदी भारत की सदी है। वर्तमान में दुनिया को भारत में आशा की एक नई किरण नजर आ रही है और प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमने दुनिया को यह दिखाया भी है कि भारत रूपी सूर्य का उदय हो चुका है और हमारा सूर्य अब अपने पूरे तेज के साथ चमकने को तैयार है। इसके बाद राजनाथ ने कहा, ‘मैं यहां सूर्य का जिक्र इसलिए भी कर रहा हूं क्योंकि अगर हम अपनी पौराणिक कथाओं में देखें तो पाएंगे कि सूर्य के साथ हमारे अद्भुत संबंध रहे हैं। हम सभी बजरंग बली के उपासक हैं। एक प्रसंग आप सबने सुना होगा कि बजरंग बली ने किसी प्रकार फल समझकर सूर्य को ही निगल लिया था। बाद में देवताओं के मनाने के बाद उन्होंने सूर्य को मुक्त कर दिया। इससे बजरंग बली ने अपनी अपार शक्ति का परिचय तो दिया ही, साथ ही उन्होंने हमें यह संदेश भी दिया कि अगर हम अपनी ताकत को बढ़ाएं तो सूरज भी हमारी मुट्ठी में आ सकता है।’


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1998 में देश के परमाणु परीक्षण ने दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत भले ही एक शांतिप्रिय देश है लेकिन वह आत्मसम्मान के खिलाफ उठाए गए किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि बाहरी आक्रमणकारियों द्वारा नालंदा में शिक्षा केंद्र और सोमनाथ में सांस्कृतिक प्रतीक को तबाह किए जाने के बाद भारत ने इतिहास से सबक सीखा है।


राजनाथ ने 1998 के पोकरण-2 परमाणु परीक्षण की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह में कहा, ‘हमने इतिहास से सबक सीखे हैं और संकल्प लिया है कि हम इस तरह के इतिहास को दोहराने की अनुमति नहीं देंगे।’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारत के परमाणु परीक्षणों ने दुनिया को संदेश दिया है कि हम भले ही एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन हम नालंदा को फिर से जलता हुआ नहीं देखेंगे। हम सोमनाथ जैसे अपने सांस्कृतिक प्रतीक को फिर से बर्बाद किया जाना बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ सिंह ने कहा, ‘हम अपने आत्मसम्मान के खिलाफ उठाए गए हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देंगे।’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और शीर्ष वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।

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