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म्यूचुअल फंड और डीमैट खाताधारकों को मिली राहत, अब सितंबर तक कर सकेंगे यह काम

नई दिल्ली: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों तथा म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों को बड़ी राहत मिली है। पूंजी बाजार के नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक काम करने के लिए सात महीने का और समय दे दिया। सेबी ने डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिये ‘नॉमिनी’ का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिए समयसीमा सितंबर अंत तक बढ़ा दी है। पहले यह समय सीमा 31 मार्च, 2023 थी।

क्या है नॉमिनी

आप यदि नॉमिनी का अर्थ नहीं समझ रहे हैं तो इसे जान लीजिए। ‘नॉमिनी’ या नामित व्यक्ति से आशय, उस व्यक्ति से है, जिन्हें उस खाते में जमा रकम या निवेश की राशि मिलेगी। जिस व्यक्ति के नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में होता है, उसका अचानक निधन हो जाए तो नॉमिनी को वह राशि दे दी जाती है। सेबी चाहता है कि सभी डीमैट अकाउंट होल्डर और म्यूचुअल फंड इनवेस्टर अपना नॉमिनी घोषित कर दें। ताकि उनके नहीं रहने पर उनकी निवेशित राशि किसे दी जाए, इसका फैसला हो जाए।

पहले भी बढाई जा चुकी है समय सीमा

सेबी ने जुलाई, 2021 में सभी मौजूदा पात्र कारोबारी और डीमैट खाताधारकों से 31 मार्च, 2022 तक नामित व्यक्ति के बारे में अपना विकल्प उपलब्ध कराने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर डीमैट खाता बंद हो जाता। बाद में इसे एक साल 31 मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया था। अब इसे 30 सितंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया है। सेबी ने एक सरकुलर में कहा, ‘‘कारोबार के साथ-साथ डीमैट खातों के मूल्यांकन….और विभिन्न पक्षों से प्राप्त प्रतिवेदनों के आधार पर यह निर्णय किया गया है कि नॉमिनी प्रावधान अब 31 मार्च, 2023 के बजाय 30 सितंबर, 2023 से लागू होगा।’’ एक अलग परिपत्र में नियामक ने मौजूदा म्यूचुअल फंड निवेशकों को लाभार्थी के रूप में ‘नॉमिनी’ का नाम देने या इस विकल्प से हटने के लिये 30 सितंबर तक का समय दिया है।

ऐसा नहीं करेंगे तो क्या होगा

अगर म्यूचुअल फंड का कोई निवेशक 30 सितंबर तक इसका अनुपालन करने में विफल रहतर है, उनके खाते को जब्त कर लिया जाएगा और वे निवेश को भुना नहीं सकेंगे। सेबी ने जून, 2022 में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिये ‘नॉमिनी’ का ब्योरा देना या इससे हटने के बारे में घोषणा एक एक अगस्त, 2022 तक करने को कहा था। बाद में समयसीमा एक अक्टूबर, 2022 तक बढ़ा दी गयी। सभी मौजूदा म्यूचुअल फंड फोलियो के लिये नई समयसीमा 31 मार्च, 2023 तक की गयी थी। साथ ही, सेबी ने शेयर ब्रोकरों और डिपॉजिटरी प्रतिभागियों से अपने उन ग्राहकों को ऐसे सभी डीमैट खातों में ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से पाक्षिक आधार पर सूचना भेजकर ‘नामांकन का विकल्प’ अद्यतन करने के बारे में सूचना देने को कहा है, जिन्होंने अबतक विकल्प नहीं चुना है। जिन निवेशकों ने एक अक्टूबर, 2021 से नए कारोबारी और डीमैट खाते खोले हैं, उनके पास घोषणापत्र के जरिये नॉमिनी का नाम देने या इससे हटने का विकल्प है।

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