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बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन को राहत:1.7 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज पर विपक्ष से सहमति बनी

अमेरिकी संसद में राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेट पार्टी और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच 1.7 ट्रिलियन डॉलर के पैकेज पर सहमति बन गई है। इस फंड का इस्तेमाल सितंबर 2023 तक किया जा सकेगा। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए इस राहत पैकेज की काफी अहमियत है। अगर इस पर सहमति नहीं बनती तो अमेरिका में इकोनॉमिक शटडाउन का खतरा था। शुक्रवार को इस बिल के पास होने की उम्मीद है। इस पैकेज में बाइडेन ने यूक्रेन और नाटो को मदद के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए भी फंड अरेंज किया है। इसके अलावा इंडस्ट्री, पीपुल वेलफेयर, डिफेंस और क्लाइमेट चेंज के लिए भी फंड अलॉट किया है।

बिल में क्या खास

  • वास्तव में यह मूल प्रस्ताव नहीं है। यह कोरोना रिलीफ फंड का ही एक्सटेंशन है। इस पैकेज का प्रस्ताव 4155 पेज का है। अब भी सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव्स इसमें बदलाव कर सकते हैं।
  • बिल में 44.9 अरब डॉलर यूक्रेन को इमरजेंसी हेल्प के तौर पर दिखाए गए हैं। इसी कैटेगरी में नाटो की मदद भी शामिल है। इसके अलावा 40.6 अरब डॉलर अमेरिका के अलग-अलग राज्यों के लिए हैं। इस फंड से ये राज्य सूखा, तूफान, बाढ़, जंगलों की आग और दूसरे नैचुरल डिजास्टर से निपट सकेंगे।
  • चीन और रूस की तरफ से मिल रहे मिलिट्री चैलेंज से निपटने के लिए अब बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन खुले हाथों से खर्च कर सकेगा। डिफेंस बजट के तौर पर 858 अरब डॉलर अलॉट किए गए हैं।
  • चीन को एक और झटका देते हुए बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़ा फैसला किया है। दरअसल, सरकार की तरफ से कर्मचारियों को दी गई तमाम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से अब टिकटॉक एप हटाया जाएगा। इसके लिए भी डिफेंस बजट से खर्च किया जाएगा। यह कदम इसलिए अहम है, क्योंकि अमेरिका के कई सिक्योरिटी लगातार सरकार को यह बता रहे थे कि टिकटॉक की ओट लेकर चीन जासूसी की साजिश में लगा है।
  • सीनेट में रिपब्लिकन नेता रिचर्ड शेल्बी ने कहा- सहमति बहुत सटीक तो नहीं बनी, लेकिन मेरी पार्टी किसी जल्दबाजी में बदलाव की कोशिश नहीं चाहती।

    बाइडेन का इकोनॉमिक एजेंडा

    • ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक, कांग्रेस में बाइडेन की मुश्किल आने वाले दिनों में बढ़ सकती थी। फिलहाल, उनके इकोनॉमिक एजेंडा को सहमति मिलती दिख रही है। हालांकि, बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी घरेलू खर्च के लिए जो बजट चाहती थी, उतना उसे नहीं मिल सका। इसके लिए उसे रिपब्लिकन पार्टी से आगे भी बातचीत करनी होगी।
    • माना जा रहा है कि जनवरी में संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिल सकता है। तब कुछ मुद्दों पर मामला अटक सकता है। हालांकि, ज्यादातर बातों पर अब सहमति बन चुकी है।
    • महामारी से निपटने की तैयारियों, मेडिकल बेनिफिट्स और रिटायरमेंट स्कीम्स का लाभ देने के मुद्दों पर दोनों पार्टियां सहमत हैं। हालांकि, टैक्स में राहत और लो-इनकम फैमिलीज को राहत के मुद्दे पर मतभेद जारी हैं।
    • सीनेट में डेमोक्रेट लीडर चार्ल्स शूमर ने कहा- ये सही है कि इस पैकेज पर अभी कुछ काम होना बाकी है, लेकिन ये अच्छी बात है कि दोनों ही पक्ष सही रास्ते पर चल रहे हैं।
    • वैसे, रिपब्लिकन पार्टी के ही कुछ नेता ऐसे भी हैं जो इस पैकेज को पास किए जाने का विरोध कर रहे हैं। टेक्सॉस के सांसद चिप रॉय ने कहा- मुझे अपनी पार्टी से सिर्फ इतना कहना है कि आपने बाइडेन को ब्लैंक चेक क्यों दिया।

      बैकडोर डॉयलॉग से बनी बात
      बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने रिपब्लिकन को मनाने के लिए अपने सीनियर लीडर पैट्रिक लीहे को मोर्चे पर लगाया था। उन्होंने रिचर्ड शेल्बी और रोसा डीलुरो के सामने पूरा प्लान रखा।

      बाद में इस पैकेज पर कई दिनों तक बातचीत चलती रही और आखिरकार मंगलवार को सहमित बन गई। रिपब्लिकन्स का फोकस सबसे ज्यादा डिफेंस पर रहता है। लिहाजा, इस सेक्टर को सबसे ज्यादा फंड अलॉट किया गया। अब पेंटागन और दूसरे डिफेंस सेक्टर में और तेजी से काम होगा।

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