दुनिया

ईरान को 50 साल बाद मिलने जा रहा रूस का हवाई योद्धा सुखोई- 35, इजरायल का बनेगा काल!

तेहरान: अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रहे ईरान को अगले सप्‍ताह रूस के सबसे आधुनिक और घातक लड़ाकू विमानों में से एक सुखोई-35 मिलने जा रहा है। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और ईरान के बीच रक्षा, आर्थिक और ऊर्जा संबंध बहुत मजबूत मजबूत होते जा रहे हैं। ईरान ने हजारों की तादाद में अपने ड्रोन विमान रूस को दिए हैं और कहा जा रहा है कि इसके बदले में रूस उसे सुखोई-35 फाइटर जेट देने जा रहा है। ईरान को करीब 50 साल बाद पहली बार कोई अत्‍याधुनिक फाइटर जेट मिलने जा रहा है।

सुखोई-35 फाइटर जेट चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और मुख्‍यत: इसे हवा में प्रभुत्‍व स्‍थापित करने के लिए बनाया गया है। मार्च में ईरान के स्‍थायी प्रतिनिधिमंडल ने स्‍वीकार किया था कि उसने रूस के साथ इन विमानों की डील की है। अपुष्‍ट रिपोर्टों के मुताबिक ईरानी प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्‍ताह ईरान को इन विमानों की पहली खेप मिलने जा रही है। इन विमानों को सुपर फ्लैंकर नाम दिया गया है और जल्‍द ही ये ईरान पहुंच जाएंगे। रूस के इन विमानों को ईरानी एयरफोर्स के लिए बड़ी घटना मानी जा रही है।

ईरान को करीब 50 साल बाद मिलेगा आधुनिक फाइटर जेट

ईरान ने पिछले 33 साल से कोई भी फाइटर जेट आयात नहीं किया है। ईरान को 47 साल पहले अमेरिका से F-14A Tomcats विमान मिलने शुरू हुए थे। साल 1976 में ईरान और अमेरिका के बीच इस विमान के लिए समझौता हुआ था। ईरान को साल 1979 में इस्‍लामिक क्रांति से पहले 79 विमान मिल गए थे। इसके क्रांति के बाद अमेरिका और ईरान के बीच संबंध खराब हो गए जो अभी तक नहीं सुधरे हैं। अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद भी ईरान विमानों को अभी भी उड़ाने में सफल रहा है।

ईरान के इन अमेरिकी विमानों ने इराक के साथ युद्ध में अपना लोहा मनवाया था। इसके बाद ईरान के विरोधी देशों को इस विमान से ज्‍यादा खतरनाक विमान खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा। ईरान ने 1990 में सोवियत संघ से MiG-29A विमान खरीदे थे लेकिन यह अमेरिकी विमान के सामने कहीं नहीं टिक सका। इसी वजह से ईरान ने सोवियत संघ से ज्‍यादा विमान नहीं खरीदे। ईरान बहुत लंबे समय से रूस से इन सुखोई-35 विमानों की मांग कर रहा था। यूक्रेन युद्ध में फंसने के बाद अब रूस को ईरानी ड्रोन विमानों की जरूरत है और इस वजह से यह डील आगे बढ़ी है। ईरान को इन रूसी विमानों के मिलने से उसे इजरायल से निपटने में काफी आसानी हो जाएगी जो उसका सबसे बड़ा दुश्‍मन है। इजरायल और ईरान के बीच सीरिया में अप्रत्‍यक्ष जंग चल रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button