खेल

‘संगम’ ने बदल दी थी एसपी हिंदुजा की किस्मत, बोफोर्स घोटाले में भी आया था नाम

नई दिल्ली: हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) के चेयरमैन श्रीचंद परमानंद हिंदुजा (SP Hinduja) का बुधवार को लंदन में निधन हो गया। वह 87 साल के थे। हिंदुजा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने ब्रिटिश इंडिया में सिंध इलाके से की थी। परमानंद दीपचंद हिंदुजा के चार बेटे थे जिनमें एसपी हिंदुजा सबसे बड़े थे। हिंदुजा ग्रुप कभी कमोडिटी-ट्रेडिंग फर्म हुआ करती थी लेकिन श्रीचंद और उनके भाइयों ने लगातार अपने कारोबार को दूसरे क्षेत्रों में फैलाया। शुरुआती सफलता भारत के बाहर बॉलीवुड फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन से मिली। इसके बाद उनका बिजनस बढ़ता गया। श्रीचंद ब्रिटेन के नागरिक थे और उनकी गिनती देश के सबसे अमीर लोगों में होती थी। इस ग्रुप का भारत में भी बड़ा कारोबार हैं। भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं।


आज हिंदुजा ग्रुप की दर्जनों कंपनियां हैं। कंपनी का कारोबार ट्रक बनाने से लेकर, बैंकिंग, केमिकल्स, पावर, मीडिया और हेल्थकेयर तक फैला है। ग्रुप की कंपनियों में अशोक लीलेंड और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। 14 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ हिंदुजा परिवार ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवार है। इस ग्रुप के कंपनियों का कारोबार 38 देशों तक फैला है और उनमें 150,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। हिंदुजा परिवार के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘गोपीचंद, प्रकाश एवं अशोक हिंदुजा समेत समस्त हिंदुजा परिवार बड़े दुख के साथ सूचित कर रहा है कि परिवार के मुखिया एवं हिंदुजा समूह के चेयरमैन एस पी हिंदुजा का निधन हो गया है।’

संगम ने बदली थी किस्मत

अविभाजित भारत के कराची में एक कारोबारी परिवार में 28 नवंबर 1935 को जन्मे एसपी हिंदुजा ने कारोबारी दुनिया में पहली सफलता हिंदी फिल्म ‘संगम’ के अंतरराष्ट्रीय वितरण अधिकारों से पाई थी। इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाइयों के साथ मिलकर कामयाबी की कई इबारतें लिखीं। हालांकि उन्हें बोफोर्स घोटाले में नाम आने पर विवादों का भी सामना करना पड़ा था। एसपी हिंदुजा और उनके दो भाइयों पर बोफोर्स तोप खरीद में 64 करोड़ रुपये का गैरकानूनी कमीशन लेने का आरोप लगा था। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय से तीनों हिंदुजा बंधुओं को साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2005 में आरोपमुक्त कर दिया गया था। उनकी पत्नी मधु का निधन गत जनवरी में 82 वर्ष की उम्र में हुआ था। उनके परिवार में दो बेटियां- शानू एवं वीनू हैं।


हिंदुजा के कारोबारी साम्राज्य की नींव उनके पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने रखी थी। वह सिंध इलाके (अब पाकिस्तान में) में कमोडिटी की ट्रेडिंग करते थे लेकिन बाद में वह ईरान जाकर कारोबार करने लगे। युवा श्रीचंद ने 1964 में राज कपूर की फिल्म ‘संगम’ को पश्चिम एशियाई देशों में वितरित कर पहली बड़ी कामयाबी हासिल की। तेल कीमतों पर ईरान के शाह के साथ इंदिरा गांधी की असहमति गहराने के बाद हिंदुजा बंधुओं को वहां की सत्ता से भारतीय उत्पादों का ईरान को निर्यात बढ़ाने का प्रस्ताव मिला तो उन्होंने उसका पूरा फायदा उठाया और लौह अयस्क से लेकर जिंसों तक का कारोबार करने लगे।

कई सेक्टर में फैला है बिजनस

वर्ष 1980 में उन्होंने भारत की ट्रक एवं बस विनिर्माता अशोक लीलैंड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। इसके अलावा शेवरॉन कॉर्प से उन्होंने गल्फ ऑयल का भी नियंत्रण लेकर तेल एवं लुब्रिकेंट कारोबार में कदम रखा। एसपी हिंदुजा ने 1993 में इंडसइंड बैंक की शुरुआत कर बैंकिंग क्षेत्र में भी जगह बनाई। तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह को भी बैंक के उद्घाटन पर आमंत्रित किया गया था। उसके अगले ही साल उन्होंने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में एसपी हिंदुजा बैंक प्रिवी की भी स्थापना की जो किसी भारतीय के स्वामित्व वाला इकलौता स्विस बैंक है। इस बैंक की शाखाएं ज्यूरिख, लंदन और दुबई में भी हैं जो बड़े उद्योगपतियों एवं उद्यमियों को निवेश परामर्श एवं संपत्ति प्रबंधन सेवाएं देता है।

भले ही हिंदुजा बंधु अपनी संपत्तियों के बारे में खुलकर चर्चा करने में परहेज करते रहे हैं लेकिन उनके बीच ब्रिटेन की अदालतों में पारिवारिक संपत्तियों को लेकर कानूनी झगड़े भी हुए हैं। वैसे यह परिवार अपने राजनीतिक रिश्तों को लेकर कुछ ज्यादा मुखर रहा है। इसके संबंध दुनिया के प्रमुख नेताओं से रहे हैं जिनमें ईरान के तत्कालीन शाह से लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश सीनियर और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर भी शामिल हैं। हिंदुजा बंधुओं ने वर्ष 2006 में लंदन की कार्लटन हाउस टेरेस स्ट्रीट पर 25 बेडरूम वाला एक बड़ा घर 5.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था। हिंदुजा परिवार ने अपने बयान में एसपी हिंदुजा के निधन पर शोक जताते हुए कहा, ‘एसपी हिंदुजा ने सही मायने में समूह के संस्थापक सिद्धांतों एवं मूल्यों के अनुरूप जिंदगी बिताई। उन्होंने भाइयों के साथ मिलकर अपने मातृदेश भारत और मेजबान देश ब्रिटेन के बीच मजबूत रिश्ते बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button