पाकिस्तान की कंगाली दूर करने के लिए अपने सबसे बड़े दुश्मन के आगे भी झुके शहबाज शरीफ, IMF ने चलाया था ‘डंडा’

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पिछले साल अप्रैल में सत्ता हासिल की थी। लेकिन सत्ता के सुख भोगने के बजाय वह मुल्क को ऐतिहासिक आर्थिक संकट से बाहर लाने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं। उन्होंने इमरान खान अविश्वास प्रस्ताव लाकर सत्ता से बाहर किया था। वक्त ने कुछ ऐसी करवट ली कि शहबाज अब उन्हीं इमरान खान को आर्थिक और राजनीतिक संकट के समाधान तलाशने पर केंद्रित ऑल-पार्टी कान्फ्रेंस के लिए न्योता भेज रहे हैं। दरअसल शहबाज सरकार को चिंता सता रही है कि कर्ज पाने के लिए अगर वह आईएमएफ की शर्तें मानते हैं और अतिरिक्त टैक्स लागू करते हैं तो विपक्ष बवाल खड़ा कर सकता है।
एक-दूसरे के कट्टर विरोधी इमरान और शहबाज
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट नीत सरकार की ओर से इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बैठक के लिए निमंत्रण भेजना पाकिस्तान की सियासत में बड़ी हलचल है। लगभग सभी मुद्दों पर दोनों एक-दूसरे के खिलाफ रहते हैं, चाहें सत्ता किसी के भी हाथ में हो। ऐसे में इस कान्फ्रेंस के किसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीदें बेहद कम हैं। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक, राजनीतिक और आतंकवादी संकट का सामना कर रहा है और उसके इससे बाहर निकलने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं।
पाकिस्तान के लिए भयावह थी जनवरी
पाकिस्तान के लिए 2023 का पहला महीना भयावह साबित हुआ। इसमें कुछ दिनों पहले पेशावर की मस्जिद में हुआ धमाका भी शामिल है। नमाज के वक्त हुए सुसाइड ब्लास्ट में 100 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। चूंकि मस्जिद पुलिस लाइन इलाके में थी इसलिए मरने वालों में ज्यादातर पुलिसवाले और सैन्यकर्मी शामिल थे। हाल के महीनों में पाकिस्तान में इस तरह के आतंकी हमले काफी बढ़ गए हैं।