भारत की छवि खराब करने के लिए देश के अंदर और बाहर कुछ ताकतें काम कर रही हैं : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को वैश्विक स्तर पर सुनियोजित तरीके से भारत की अखंडता के खिलाफ ‘आभासी युद्ध’ को लेकर आगाह किया। नेटवर्क 18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पक्षपातपूर्ण रुख और व्यक्तिगत चिंताओं के आधार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मुकाबला किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से कैसे देखा जा सकता है। उन्होंने विपक्षी नेताओं के आरोपों की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की है, जिन्होंने कहा है कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बना रही है। उपराष्ट्रपति ने आगाह किया कि लोगों को ‘देश के भीतर और बाहर काम करने वाली वैश्विक मशीनरी’ की तरफ से सुनियोजित तरीके से ‘भारत की अखंडता के खिलाफ आभासी युद्ध’ के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है।
धनखड़ ने कहा कि भारत के विकास पथ में व्यवधान पैदा करने, लोकतांत्रिक व्यवस्था की छवि खराब करने और राष्ट्र की उपलब्धियों पर पानी फेरने के लिए देश के अंदर और बाहर कुछ ताकतें काम कर रही हैं। उन्होंने मौजूदा बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही में लगातार व्यवधान के बीच कहा कि संसद में अव्यवस्था सामान्य बात हो गई है।