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भारत के अफगानिस्तान को गेहूं भेजने के फैसले का तालिबान ने किया स्वागत, कहा- दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा

काबुल: भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के जरिए अफगानिस्तान को मानवीय सहायता देने का ऐलान किया है। इस बंदरगाह का इस्तेमाल अतीत में अफगानिस्तान को सहायता भेजने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद यह पहली बार होगा, जब भारत इस रास्ते से मदद भेजेगा। भारत के इस फैसले का तालिबान ने स्वागत किया है। तालिबान की ओर से कहा गया है कि इस तरह के कदम दोनों देशों के बीच विश्वास को बढ़ाएगा। भारत 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की डिलीवरी भेजेगा।

भारत की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘वतर्मान में अफगानिस्तान में मानवीय संकट है। इस स्थिति को दूर करने के लिए भारत चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगान लोगों के लिए 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं की डीलवरी करेगा।’ भारत ने 2020 में अफगानिस्तान को मानवीय सहायता के रूप 75,000 मीट्रिक टन गेहूं चाबहार बंदरगाह के जरिए भेजा था। भारत की ओर से मिलने वाली यह सहायता बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान में लोगों की मदद करेगी।

तालिबान ने किया फैसले का स्वागत

तालिबान ने भारत के इस फैसले का स्वागत किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान की ओर से सुहेल शाहीन ने कहा, ‘हम चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगान लोगों के लिए 20,000 मीट्रिक टन गेहूं की डिलीवरी की बहुत सराहना करते हैं। इस तरह के मानवीय कदम से दोनों देशों में विश्वास बढ़ता है, जिससे आपसी सकारात्मक संबंध बनेंगें।’ पिछले साल भी बड़े पैमाने पर भारत ने अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता भेजी थी।

पहले भी भेजी गई है मदद

भारत ने पिछले साल 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं, 50 टन दवाई, 5 लाख डोज कोविड वैक्सीन, ठंड के कपड़े और 28 टन राहत सामग्री भेजी थी। तब ये राहत सामग्री पाकिस्तान के जमीनी रास्ते से गई थी। भारत की ओर से यह मानवीय सहायता तब दी जा रही है, जब उसने अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। हालांकि उसके साथ बातचीत जारी है। 2022 के जून महीने में भारत की एक टेक्निकल टीम काबुल भेजी गई थी।

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