फर्जी GST रजिस्ट्रेशन से टैक्स चोरी करने वालों की खैर नहीं, सरकार ने लिया सख्त कार्रवाई का फैसला

नई दिल्ली : जो लोग फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर फर्जी रसीदों के सहारे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की सप्लाई के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा टैक्स की चोरी करते हैं, अब उनकी खैर नहीं। केंद्र और राज्यों के टैक्स अधिकारियों ने ऐसे लोगों का पता लगाने के लिए दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है।
सख्त होगी कार्रवाई
टैक्स अधिकारी विशेष अभियान के दौरान त्वरित कार्रवाई करेंगे। अगर कहीं गड़बड़ी मिली तो टैक्स अधिकारी उसका वेरिफिकेशन करेंगे। वेरिफिकेशन के दौरान संबंधित टैक्स पेयर्स काल्पनिक पाया गया यानी उसका कोई कारोबार नहीं है, उसने फर्जी तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा रखा है तो उसके जीएसटी रजिस्ट्रेशन को निरस्त कर दिया जाएगा। साथ में पेनल्टी भी लगाई जाएगी।
नियमों का पालन करना होगा
सरकार को नुकसान
वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी कर चोरी होने का अनुमान है। इसे देखते हुए टैक्स अधिकारियों ने फर्जी पंजीकरण पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है। सीबीआईसी के अनुसार इस तरह से बेईमान लोग संदिग्ध और जटिल लेनदेन के जरिए सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को जीएसटी नेटवर्क (GSTN) से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।