Banda – उ0प्र0 में नियुक्त 36000 ग्राम रोजगार सेवक,नियमित करने,राज्य कर्मचारी बनाने का दस सूत्रीय ज्ञापन।

Banda – ग्राम विकास सहायक के पद का सृजन हो, रोजगार सेवक समायोजित/नियमित हो सकते हैं।
वर्तमान में प्रदेश में लगभग 58194 ग्राम पंचायते सृजित हैं।
ब्यूरो एन के मिश्र
बांदा- राज्य कर्मचारी महासंघ यूoपीo से संबद्ध,ग्राम रोजगार सेवक(पंचायत मित्र) वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के बैनर तले सैकड़ों पंचायत मित्रों ने जिला अध्यक्ष राम किशोर साहू के नेतृत्व में दस सूत्री मांगों का ज्ञापन जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ,द्वारा जिलाधिकारी बांदा को सौंपते हुए मिडिया को बताया कि वर्ष 2006 से मनरेगा योजनान्तर्गत ग्राम रोजगार सेवक (पूर्ववर्ती पंचायत मित्र) प्रदेश की ग्राम पंचायतों में विगत 17 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं, जिन्हें मनरेगा योजना की धनराशि के प्रशासनिक मद से मानदेय भुगतान की व्यवस्था है। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग है, जिस कारण किसी ग्राम पंचायत में कार्य का स्कोप अधिक है तो किसी में कम है तथा मनरेगा मांग परक योजना है, इसी कारण प्रत्येक ग्राम रोजगार सेवक को प्रशासनिक मद की अनुमन्य धनराशि से प्रत्येक माह समय से भुगतान नहीं हो पाता, नियमित समय से मानदेय भुगतान हर कार्मिक का अधिकार है,जिस हेतु पृथक से बजट की आवश्यकता है। ग्राम रोजगार सेवक ग्राम पंचायत स्तर पर सरकारी की सभीजन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करने में अपना पूर्ण योदान देते हैं, किन्तु जब चार्ट में सिर्फ मनरेगा का कार्य होने के कारण हमारे योगदान की गिनती नहीं की जाती इसलिए जाब चार्ट में मनरेगा के अतिरिक्त अन्य कार्यों को जोड़ा जाना, मुख्यमंत्री जी आपके द्वारा 04.10.2021 को की गयी नई घोषणा के अनुरूप होगा। वर्तमान में प्रदेश में लगभग 58194 ग्राम पंचायते सृजित है इन पंचायतों में सीधी भर्ती से नियुक्त ग्राम पंचायत/ग्रा०वि०औसतन 4 ग्राम पंचायतें है जिसके कारण ग्रा0पं0 के विकास व ग्रामीणों की समस्याओं के निस्तारण में असुविधा होती है।
यदि सरकार द्वारा एक सहायक सचिव / ग्राम विकास सहायक का पद सृजित करके संविदा पर नियुक्त ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित कर दिया जाये तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में सचिव की उपलब्धता भी हो जायेगी साथ ही साथ ग्राम रोजगार सेवक की लम्बे समय से की जा रही नियमितीकरण की मांग भी पूरी हो जायेगी। उ0प्र0 में ग्राम रोजगार सेवको का मासिक मानदेय 10,000/-रू0प्रतिमाह ई०पी०एफ० नियोक्ता अंश सहित निर्धारित है जबकि भारत के कई राज्यों में ‘समूह ग के कर्मचारियों के समान वेतन भुगतान व ग्रेड पे की व्यवस्था है इसलिए उ०प्र० में भी ग्राम रोजगार सेवको के लिए ‘समूह ग’ के राज्य कर्मचारियों की भाँति समान वेतन,भत्ते,बोनस इत्यादि दिया जाना चाहिए अथवा श्रम विभाग द्वारा जारी कुशल कामगारों के लिए जारी शासनादेश के अनुरूप 24000रू0 प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था की जाये।
प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को ई०पी०एफ०,बोनस हेल्थ इंश्योरेंश आदि की सुविधा प्रदान की जाती है जबकि सरकारी विभाग में लम्बे समय से संविदा पर कार्यरत मनरेगा कर्मचारियों को इन सुविधाओं से वंचित रखा गया है। हमारे मानदेय में से वर्षों से कटौती की जाने वाली ई०पी०एफ० की धनराशि यू0ए0एन0 में जमा नहीं की गयी है, इसलिए ई०पी०एफ० सुविधा का लाभ मनरेगा कर्मियों को नही मिल पा रहा है। चिकित्सा लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी प्रकार के हेल्थ कार्ड की व्यवस्था नहीं है,जो अन्यायपूर्ण है। अतः उपरोक्त विषम परिस्थितियों के दृष्टिगत ग्राम रोजगार सेवकों की निम्नलिखित मांगों / समस्याओं का समाधान किया जाना उचित होगा।
दस सूत्री मांगों के बिन्दु———-!
1- ग्राम पंचायतों में सहायक सचिव / ग्राम विकास सहायक का पद सृजित कर ग्राम रोजगार सेवकों को समायोजित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये।
2- आप द्वारा 04 अक्टूबर 2021 को लखनऊ के डिफेन्स एक्सपो मैदान में की गयी घोषणा के क्रम में रोजगार सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु मानव संसाधन नीति (ए0आर0 पालिसी) एवं रोजगार सेवकों की सेवा समाप्ति के पूर्व श्रम उपायुक्त मनरेगा की सहमति ली जाये एवं न्यूनतम मानदेय 24,000/-रूपये प्रतिमाह की व्यवस्था किया जाये।
3- भाजपा शासित राज्यों में (राजस्थान, उड़ीसा, हिमांचल प्रदेश) के तर्ज पर ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित किया जाये।
4- मासिक मानदेय भुगतान हेतु पृथक बजट की व्यवस्था का प्राविधान किया योजना मद से किया जाये।
5- ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों का पासवर्ड भुगतान का प्रथम डोंगल हस्ताक्षरकर्ता के रूप में ग्राम रोजगार सेवकों को दिया जाये साथ ही साथ जहां रोजगार सेवक सम्बद्ध है, वहां पर पासवर्ड आई0डी0 रोजगार सेवकों को दिया जाये।
6- ग्राम रोजगार सेवकों के जॉब चार्ट में अन्य कार्य जोड़ते हुए विभागीय कर्मी घोषित किया जाये।
7- मनरेगा कार्यों की बेहतर मानीटरिंग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एंड्रायड मोबाइल फोन उपलब्ध कराये जाने एवं डाटा रिचार्ज दिया जाये।
8- 04 अक्टूबर 2021 की घोषणा के क्रम में उ०प्र० राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की भाँति 20 दिन का आकस्मिक अवकाश एवं चिकित्सा अवकाश 12 दिनों की व्यवस्था का आदेश जारी किया जाये।
9- ग्राम रोजगार सेवकों का न्याय पंचायत पर स्थानान्तरण की व्यवस्था को लागू किया जाये।
10- ग्राम रोजगार सेवकों के परिवार के मृतक आश्रित का शासनादेश स्पष्ट जारी किया जाये ।
उपरोक्त मांगों / समस्याओं के निदान के लिए 04 अक्टूबर 2024 को जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया,यदि मांगे अतिशीघ्र पूरी न हुई तो दीपावली बाद लखनऊ में एक वृहद् आन्दोलन करने के लिए संगठन बाध्य होगा।