उत्तर प्रदेश

नेपाली हाथियों का आतंक, तीन किसानों को कुचला; एक की मौत

माधोटांडा। जंगल के किनारे रह रहे ग्रामीणों के ऊपर आफत आ गई है। एक ही दिन में बाघ और हाथियों के अलग-अलग हमले हुए। अब जंगल के किनारे नेपाली हाथियों ने खेत से घर को जा रहे तीन ग्रामीणों पर हमला कर दिया। जिसमें एक ग्रामीण की मृत्यु हो गई। दो ग्रामीणों की हालत गंभीर बनी हुई है।

घटना माधोटांडा थाना क्षेत्र के गांव मूसापुर हुई। यह इलाका बराही जंगल से सटा हुआ है। गांव से कुछ दूरी पर जंगल स्थित है। कई दिनों से यहां पर नेपाल के जंगली हाथी अपना डेरा जमाए हुए हैं। मंगलवार रात्रि लगभग 8 बजे गांव के ही रमेश अपने दो अन्य साथी बाबूराम और सुरेंद्र लाल के साथ खेत से घर की ओर लौट रहे थे। तभी अचानक पांच हाथियों ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया। रमेश को हाथियों ने बुरी तरह से रौंद दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।

बाबूराम और सुरेंद्र पाल भी हाथियों के हमले से घायल हो गए। बाबूराम की हालत गंभीर बनी हुई है। मामला गांव के किनारे होने के कारण सैकड़ो ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीणों ने शोर-शराबा और पटाखे दाग कर हाथियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। बराही के क्षेत्राधिकारी अरुण मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि हाथियों के हमले की सूचना मिली है, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। टीम पहले से ही मौजूद है। वह भी मौके पर पहुंच रहे हैं।

लगातार दस्तक देते रहे हैं नेपाली हाथी

नेपाल की शुक्ला फांटा सेंक्चुरी से लगातार हाथी बराही के जंगल में दस्तक दे रहे हैं। लगभग दो दर्जन हाथियों का झुंड नेपाल से बराही के जंगल में घुस गया था। झुंड वापस चला गया, लेकिन पांच हाथी झुंड से बिछड़ गए। 10 दिन से लगातार हाथी क्षेत्र में सक्रिय हैं। हाथी लगातार फसलों को भी नुकसान पहुंच रहे थे। अभी भी ग्रामीणों में हाथियों की दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों ने किया हंगामा वन विभाग के प्रति ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने मौके पर हंगामा करना शुरू कर दिया। सुरक्षा की दृष्टि से माधोटांडा थानाध्यक्ष अचल कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया। काफी देर तक ग्रामीण हंगामा काटते रहे।

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