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आतंकी रिंदा की मौत बनी सस्पेंस:सरकारों ने साधी चुप्पी; बंबीहा ग्रुप ले रहा जिम्मेदारी, कोई नशे की ओवरडोज बता रहा कारण

पाकिस्तान में ISI की पनाह लेकर भारत में नार्को-टेररिज्म फैलाने वाले आतंकी हरविंदर सिंह की रिंदा की मौत पर सस्पेंस बना हुआ है। एक तरफ गैंगस्टर हैं, जो उसकी मौत की जिम्मेदारी ले रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान में बैठे सूत्र उसकी मौत नशे की ओवडोज बता रहे हैं, लेकिन केंद्र व पंजाब सरकार ने इस पर अभी तक चुप्पी साध रखी है।


मिली जानकारी के अनुसार शनिवार देर शाम पंजाब में आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा की मौत की खबर पहुंच गई थी, लेकिन यह मौत कैसे हुई, इस पर किसी ने कोई टिप्पणी नहीं की। कुछ समय बाद ही बंबीहा ग्रुप के जसप्रीत जस्सी ने फेसबुक पर पोस्ट डाल रिंदा के मौत की जिम्मेदारी को उठाया। उसका कहना था कि रिंदा को पाकिस्तान उसके दोस्तों ने ही पहुंचाया था, लेकिन विरोधियों के साथ मिलकर वह वहां चिट्‌टे का काम करने लगा था। उसके दोस्तों को भी इससे काफी नुकसान पहुंच रहा था। जिसके चलते उसका कत्ल करवा दिया गया।


किडनी फेलियर बताया गया कारण

बंबीहा ग्रुप के इकरारनामे के बाद पाकिस्तान में बैठे सूत्रों ने आतंकी रिंदा की मौत रंजिशन होना नहीं बताया। मिली जानकारी के अनुसार रिंदा ने तकरीबन दो सप्ताह पहले हेरोइन की अधिक डोज ले ली थी। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ती गई।

रिंदा को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। जहां उसका इलाज चल रहा था। ओवरडोज का असर उसकी किडनियों पर पड़ा। कुछ दिनों में ही उसकी किडनियां फेल हो गई। उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और शनिवार देर शाम उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।


केंद्र व राज्य सरकार ने साधी चुप्पी

इन दोनों तरकों के बीच रिंदा की मौत अभी भी सस्पेंस बनी हुई है। इंटरपोल की मदद से रिंदा को पकड़ने की कोशिश में जुटी भारत सरकार और आतंकी को बार-बार टारगेट करने वाली पंजाब सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। न ही कोई पुलिस अधिकारी या सुरक्षा एजेंसी उसकी मौत की पुष्टि कर रही है, लेकिन इसी बीच कोई उसकी मौत की सूचना को नकार भी नहीं रहा है।


2016 के बाद से पंजाब के लिए नासूर बना था रिंदा

18 साल की उम्र में अपने ही रिश्तेदार का खून करने वाला रिंदा 2016 से भारत व पंजाब सरकार के लिए नासूर बना हुआ था। फिरौती, कत्ल और नशे का व्यापार करने वाला रिंदा नेपाल के रास्ते पहले दुबई गया और फिर पाकिस्तान में जाकर खालिस्तान मूवमेंट का हिस्सा बन गया था। बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इंडिया विंग को देख रहा था। इसी दौरान उसने भारत में अपने नशे के तस्करों को आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में प्रयोग करना शुरू कर दिया था।



नशेड़ियों को बना रहा था स्लीपर सेल

रिंदा ने पाकिस्तान में जाकर आपने तस्कर साथियों को अपने साथ जोड़ना शुरू किया था। वह बॉर्डर बेल्ट, तरनतारन व पंजाब के अन्य हिस्सों में तस्करों की मदद से नशेड़ी ढूंढता था। इन नशेड़ियों को वह नशा देता और हथियार भी। इन नशेड़ियों की मदद लेकर ही वह अपना नेटवर्क पंजाब में फैला रहा था। पंजाब में हथियारों की तस्करी में बीते कुछ सालों में पकड़े गए 80 प्रतिशत युवा नशे के आदी थे और नशे की पूर्ति के लिए ही उन्होंने रिंदा से हाथ भी मिलाया था।

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