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मुंबई हमलों के साजिशकर्ताओं को अदा करनी होगी भारी कीमत… भारत दौरे से पहले इजरायली पीएम के करीबी का बड़ा बयान

यरुशलम: भारत की अपनी पहली यात्रा से पहले, इजरायली संसद नेसेट के अध्यक्ष अमीर ओहाना ने कहा है कि 2008 के "घृणित" मुंबई आतंकी हमले के षडयंत्रकारियों से इसकी भारी कीमत वसूली जानी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई दोनों देशों के लिए साझा चिंता का विषय है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी ओहाना पिछले साल दिसंबर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर भारत जाएंगे। उनकी चार दिवसीय यात्रा 31 मार्च को शुरू होगी।

एक साथ आने की जरूरत
शिन बेट (इजरायल की आंतरिक सुरक्षा एजेंसी) के पूर्व अधिकारी ओहाना ने आतंकवाद को साझा चिंता बताते हुए कहा कि सभी प्रगतिशील देशों को एक साथ आने की जरूरत है ताकि इसका मुकाबला किया जा सके। ओहाना ने कहा कि भारत और इजराइल दोनों आतंकवाद की समस्या का सामना करते हैं और इसके खिलाफ संयुक्त लड़ाई है। ओहाना ने बताया, "हम सब को मुंबई में 2008 में हुआ घृणित आतंकवादी हमला याद है, जिसमें 207 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई थी, उनमें 178 भारतीय थे। मारे गए विदेशी लोगों में दुर्भाग्य से इजराइली और यहूदी भी थे।’’उन्होंने कहा, "यह हमला न केवल भारत पर बल्कि यहूदियों और किसी भी जगह के स्वतंत्र लोगों पर भी था।" उन्होंने कहा कि यह भारत और इजरायल के साझा मूल्यों पर हमला था।

लश्‍कर को चुकानी चाहिए कीमत
ओहाना ने कहा, "आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की ओर से जिसने भी षडयंत्र रचा और आतंकवादियों को भेजा, उनसे इसकी भारी कीमत वसूली जानी चाहिए।" उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सभी मुक्त देशों, खास कर भारत और इजरायल जैसे दो देशों के लिए एक जरूरत है। उन्होंने कहा कि साझा मूल्य, चिंताएं, दर्द और रणनीतिक साझेदारी में अपार संभावनाएं दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करती हैं। ओहाना ने कहा, "जब मुझे यह तय करना था कि नेसेट अध्यक्ष के रूप में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर कहां जाना है, तो विभिन्न कारणों से भारत सबसे दिलचस्प विकल्प था।"

भारत और इजरायल एक से

उन्होंने कहा कि भारत एक अहम विकासशील शक्ति है और वहां की कई चीजें इजरायल के साथ समान हैं और नेसेट के किसी भी अध्यक्ष ने अब तक भारत का दौरा नहीं किया है। ओहाना भारत यात्रा के दौरान अपने समकक्ष ओम बिरला के साथ दोनों देशों की संसदों के बीच एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। ओहाना के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी भारत की यात्रा करेगा। प्रतिनिधिमंडल कई वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मुलाकात करेगा।

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