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चीनी विमानों का खतरा, भारतीय तेजस के ‘तेज’ का कायल हुआ यह अफ्रीकी देश, खरीद की तैयारी

गैब्रोन: चीन में बने फाइटर जेट से चौतरफा घिरा अफ्रीकी देश बोत्‍सवाना अब भारत में बने तेजस फाइटर जेट का मुरीद हो गया है। बोत्‍सवाना की सेना ने भारत की सरकार कंपनी हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के साथ बातचीत शुरू की है। एचएएल ही तेजस फाइटर जेट को बनाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बोत्‍सवाना की सेना कई तेजस फाइटर जेट खरीदना चाहती है। बोत्‍सवाना अगर भारत के साथ तेजस फाइटर जेट की डील करता है तो यह पीएम मोदी के हथियारों के निर्यात करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।

अफ्रीकन इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक बोत्‍सवाना की सेना ने कई बार भारत के तेजस फाइटर जेट में अपनी रुचि दिखाई है। साल 2013 से ही बोत्‍सवाना की सेना अपने पुराने पड़ चुके फाइटर जेट को बदलना चाहती है। अभी बोत्‍सवाना कनाडा के CF-5A फाइटर जेट का इस्‍तेमाल करती है जिसे उसने साल 1996 में कनाडा से खरीदा था। बोत्‍सवाना को अपने पड़ोसी देशों से खतरा बढ़ता जा रहा है और इसी वजह से वह अपने विमानों को बदलना चाहती है।

बोत्‍सवाना के पड़ोसियों के पास चीनी फाइटर जेट

बोत्‍सवाना का पड़ोसी देश जांबिया मिग-21 के अत्‍याधुनिक संस्‍करण का इस्‍तेमाल कर रही है। वहीं नामिबिया ने चीन से 12 चेंगदू F-7NM विमान खरीदे हैं जो रूस के मिग-21 की नकल है। चीन ने इसमें काफी सुधार किया है। यही जिंब्‍बावे ने भी साल 2004 में चीन को FC-1 फाइटर जेट के लिए ऑर्डर दिया था। बोत्‍सवाना ने बार-बार आरोप लगाया है कि पड़ोसी देशों की वायुसेना उसके हवाई क्षेत्र का उल्‍लंघन करती है। इससे पहले साल 1990 में दक्षिण अफ्रीका के लड़ाकू हेलिकॉप्‍टरों ने बोत्‍सवाना के मिलिट्री बेस पर हमला किया था।

बोत्‍सवाना की दुश्‍मनी मुख्‍य रूप से दक्षिण अफ्रीका और जिंब्‍बावे से है। बोत्‍सवाना ने दक्षिण अफ्रीका से लगती सीमा के पास ही अपने फाइटर जेट को तैनात कर रखा है जो केवल दिन में ही बढ़‍िया लड़ सकते हैं। बोत्‍सवाना की वायुसेना की शुरुआत 1977 में हुई थी। उस समय देश में घरेलू हालात खराब हो गए थे और अस्थिरता बढ़ गई थी। बीडीएफ ने पहले अपने पुराने विमानों को अपग्रेड करने की योजना बनाई थी लेकिन अब उसने तेजस पर बातचीत शुरू कर दी है।

बोत्‍सवाना पहले लेना चाहता था एफ-16 जेट

बोत्‍सवाना ने इससे पहले दक्षिण कोरिया के एफए-50 विमानों को खरीदने की इच्‍छा जताई थी लेकिन बाद में उसने अपने प्‍लान को बदल दिया। इसके अलावा बोत्‍सवाना की सेना ने अमेरिका के इस्‍तेमाल किए गए एफ-16 विमानों को खरीदने का इरादा जताया था लेकिन अमेरिकी कंपनी ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। बोत्‍सवाना ने स्‍वीडन से साब फाइटर जेट को खरीदने के लिए बातचीत शुरू की लेकिन दाम ज्‍यादा होने की वजह से उसे पीछे हटना पड़ा था।

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