उत्तर प्रदेश

पिछड़ेपन से जो गांव था परेशान, अब बना विकास की पहचान; युवा प्रधान ने बदल दी तस्वीर

कानपुर: कानपुर में सरसौल विकास खंड का सलेमपुर गांव पूरे जिले के लिए विकास की नजीर बन गया है। पिछड़ेपन के अंधेरे में डूबा गांव एक साल के अंदर विकास की नई इबारतें लिख रहा है।

एक साल पहले गांव के लोगों को सामान्य सुविधाओं के लिए लंबी जद्दोजहद करनी पड़ती थी। अब अभावों के अंधियारे को मिटाकर बच्चे, बूढ़े और जवान सभी विकास की ऊंचाइयों को छू रहे हैं।

गांव का पंचायत घर डिजिटल है। हाइटेक पुस्तकालय, कूड़ा निस्तारण के लिए आरआरसी सेंटर, खेल का मैदान, मिलन केंद्र, बरातशाला भी है। अमृत सरोवर का आकर्षण हर आम और खास को आकर्षित करता है।

कानपुर-प्रयागराज हाईवे से लगा सरसौल ब्लाक का सलेमपुर गांव आजादी के बाद से विकास को तरस रहा था। मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। पिछले एक साल में सरकार के साथ से गांव के युवा प्रधान ने यहां की तस्वीर बदल दी।

सलेमपुर गांव में बना अमृत सरोवर।

गांव की शुरुआत में बना अमृत सरोवर वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को अपनी ओर खींचता है। गांव का अपना अनोखा पिकनिक स्पाट बन चुका है। अमृत सरोवर के बगल में बनी ओपन जिम में सुबह-सुबह बच्चे और बुजुर्ग व्यायाम करते नजर आते हैं।

गांव का पंचायत भवन जो जर्जर व बदहाल था। अब हाईटेक होकर छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर का ज्ञान दे रहा है। पांच कंप्यूटर ग्राम पंचायत की तरफ से ग्रामीणों के लिए लगाए गए हैं। जरूरतमंद छात्र-छात्राएं कंप्यूटर पर काम करते हैं। गांव के हर जरूरतमंद के लिए यह सुविधा निशुल्क

विद्यालय में पढ़ाई करते बच्चे।

गांव के पुस्तकालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से संबंधित पुस्तकें, मैगजीन, समाचार पत्र व अन्य उपयोगी पुस्तकें पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं। गांव का मिलन केंद्र ग्राम चौपाल की अवधारणा को चरितार्थ कर रहा है।

घर-घर कूड़ा उठान की व्यवस्था है। घरों से कूड़ा रिक्शे में इकट्ठा कर आरआरसी सेंटर ले जाया जाता है। कूड़ा निस्तारण प्लांट में गांव का कूड़ा-कचरा निस्तारित किया जाता है, जिससे गंदगी नहीं होती और बीमारियों से निजात ग्रामीणों को मिल रही है।

सलेमपुर में बना कूड़ा निस्तारण केंद्र ( आरआरसी सेंटर )

गांव का अपना खेल मैदान है। यहां पर खेल प्रतिभाएं अपना कौशल निखार रही हैं। बरातशाला लोगों के लिए बड़ी सौगात है।

गांव का खेल मैदान भी है बेहतर।

पेयजल व सफाई की समुचित व्यवस्था पूरे गांव में है। हर घर में शौचालय है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प किया जा चुका है। उच्च प्राथमिक स्कूल के बच्चे प्रोजेक्टर के माध्यम से कंप्यूटर पर शिक्षा ग्रहण करते हैं। स्कूल में बुक बैंक भी है। विज्ञान की बारीकियों को समझाने के लिए प्रयोगशाला भी है। सामुदायिक शौचालय भी बना है।

सलेमपुर निवासी शैलेश दुबे बताते हैं कि गांव में बना अमृत सरोवर पर्यटक स्थल के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। आसपास के गांवों से ही नहीं बल्कि शहर से भी लोग यहां घूमने आते हैं। पेड़ों की छांव के नीचे सुकून के पल बिताते हैं।

गांव में बना सामुदायिक शौचालय

डिजिटल पुस्तकालय व गांव में बना आरआरसी सेंटर से हर तबके के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। बीडीओ सरसौल विनायक सिंह ने बताया कि विकास से संतृप्त गांव दूसरी ग्राम पंचायतों के लिए नजीर बन चुकी है। घर-घर कूड़ा उठान हो रहा है। गांव में बेहतरीन खेल का मैदान है।

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