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तकरार भी रहेगी, तकरीर भी तो होनी चाहिए… विपक्ष को बजट पर मुस्कुराते हुए बहुत कुछ कह गए मोदी

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज बजट सत्र 2023 में शामिल होने के संसद भवन में विपक्षी सांसदों से बड़ी अपील की है। पीएम ने सत्र से पहले मुस्कान के साथ विपक्षी सांसदों से कहा कि तकरार तो होनी ही चाहिए लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए। पीएम ने हल्की मुस्कान के साथ सत्र से पहले विपक्षी सांसदों को इशारों में बहुत कुछ कह दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज बजट सत्र का आरंभ हो रहा है। प्रारंभ में ही अर्थ जगत के जिनकी आवाज की मान्यता होती है। वैसी आवाज चारों तरफ से सकारात्मक संदेश लेकर आ रही है। उन्होंने सांसदों से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर भी बड़ी अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि जैसे नए सांसदों को हम ध्यान से सुनते हैं वैसे ही राष्ट्रपति जी पहली बार दोनों सदन को संबोधित करेंगी और हमें उनका भाषण ध्यान से सुनना चाहिए।

नारी सम्मान का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि आज उमंग की आवाज लेकर आ रही है। आज एक अहम अवसर है। भारत के वर्तमान राष्ट्रपति की आज पहली संयुक्त सदन को वो संबोधित करेंगी। आज नारी सम्मान का भी अवसर है। दूर सुदूर जंगलों जीवन बसर करने वाले हमारे देश के महान आदिवासियों के सम्मान का समय है। न केवल सांसदो बल्कि आज पूरे देश के लिए गौरव का पल है कि भारत के राष्ट्रपति जी का आज पहला संबोधन हो रहा है।

सांसदों से राष्ट्रपति के लिए अपील

आज राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण है, सभी सांसदों की तरफ से उमंग, उत्साह और ऊर्जा से भरा ये पल हो। मुझे विश्वास है कि सभी सांसद इस कसौटी पर खरे उतरेंगे। हमारी देश की वित्त मंत्री भी महिला हैं। वो कल आम बजट लेकर संसद में आएंगी। आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का ध्यान है। डंवाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य लोगों की आशा को पूरा करने का प्रयास करेगा ही लेकिन विश्व जो आशा की किरण देख रहा है, उसे वो और अधिक प्रकाशमान नजर आए। मुझे भरोसा है कि निर्मला जी इन आशाओं को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाएंगी।

तकरार तो हो पर तकरीर भी होनी चाहिए


सबसे पहले देश, सबसे पहले देशवासी, उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए इस बजट सत्र में भी तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए, मुझे विश्वास है कि विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ, बहुत अध्यय करके सदन में अपनी बात रखेंगे। सदन देश की नीति निर्धारण में बहुत ही अच्छी तरह से चर्चा करके अमृत निकालेगा और देश का काम निकलेगा।

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