आनंद महिंद्रा के दिल को छू गया भारत का ये ‘बाहुबली’, ट्वीट कर कह दी ऐसी बात

नई दिल्ली: भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने अपने सबसे वजनी रॉकेट से एकसाथ 36 इंटरनेट सैटलाइट को उनकी कक्षा में भेजकर रविवार को बड़ी उपलब्धि हासिल की। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 643 टन वजनी LVM-3 रॉकेट ने ब्रिटिश कंपनी वनवेब के इन सैटलाइट्स को 450 किलोमीटर ऊंची इनकी ऑर्बिट में सफलता के साथ छोड़ा। इसरो की इस सफलता पर देश के जाने माने उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके कुछ ऐसा कह दिया जो अब वायरल हो रहा है।
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘वाह! ये एक बड़ा रॉकेट है… जो मेरे दिल को अपने साथ आसमान की ओर लेकर जाता है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3-M3/Oneweb India-2 मिशन लॉन्च करने के लिए इसरो को एक बार फिर बधाई।’
इस लॉन्च के साथ वनवेब का पृथ्वी की निचली कक्षा (लो अर्थ ऑर्बिट) में 618 सैटलाइट का समूह बनाने का टारगेट पूरा हो गया। इससे दुनिया के कोने-कोने तक अंतरिक्ष से ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। वनवेब ने 18 लॉन्च से ये सैटलाइट लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाए हैं।
इसरो के LVM-3 रॉकेट ने रविवार सुबह 9 बजे उड़ान भरी और 9 मिनट में तय 450 किलोमीटर की ऑर्बिट में पहुंच गया। इस रॉकेट ने कुल 5,805 किलो वजनी 36 सैटलाइट्स में से पहले 16 सैटलाइट को 20 मिनट बाद उनकी कक्षा में छोड़ा। इसी तरह अन्य सैटलाइट को छोड़ता गया। वनवेब कंपनी ने कहा कि उन्हें सभी सैटलाइट से सिग्नल मिलने लगे हैं।
ब्रिटिश कंपनी वनवेब का कहना है कि इस साल के आखिर तक अंतरिक्ष से ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं भारत समेत दुनियाभर में शुरू हो चुकी होंगी। फिलहाल वनवेब 50 डिग्री उत्तरी अक्षांश से ऊपर स्थित देशों अलास्का, कनाडा, ग्रीनलैंड, ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप में अंतरिक्ष से इंटरनेट मुहैया करा रहा है। भारत में इसकी सेवाओं के लिए अभी नियामकीय मंजूरी पाना बाकी है।
LVM-3 रॉकेट को पहले GSLV MK III नाम से जाना जाता था। रविवार का लॉन्च इसकी छठी सफल उड़ान थी। इससे पहले यह चंद्रयान-2 समेत 5 सफल मिशन कर चुका था। यह रॉकेट 10 टन वजन के पेलोड (सैटलाइट) को धरती की निचली कक्षा में और 4 टन वजन को हाई अर्थ ऑर्बिट या जियो ट्रांसफर ऑर्बिट में छोड़ने में सक्षम है।
इसरो की कमर्शल यूनिट ‘न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड’ (NSIL) का यह दूसरा मिशन था। इस यूनिट ने वनवेब के 72 सैटलाइट्स को दो चरणों में सफलता के साथ धरती की निचली कक्षा में भेजा है। इसके लिए NSIL ने 1000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। किए हैं। वनवेब के 36 सैटलाइट के पहले बैच को इसी रॉकेट से पिछले साल 23 अक्टूबर 2022 में लॉन्च किया गया था। इस सफल लॉन्च के साथ भारत 1999 से अब तक 422 विदेशी सैटलाइट्स को सफलता के साथ अंतरिक्ष में भेज चुका है।