दुनिया

भारत और रूस के बीच दोस्‍ती का ‘पुल’ बना यह मुस्लिम देश, पीएम मोदी भी मानते हैं सच्‍चा दोस्‍त

दुबई: यूक्रेन पर हमले के बाद रूस बुरी तरह से घिरा हुआ है। अमेरिका के नेतृत्‍व में पश्चिमी देशों ने रूस पर बेहद कठोर आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। संकट की इस घड़ी में भारत रूसी अर्थव्‍यवस्‍था के लिए लाइफलाइन बन गया है। भारत और रूस के लाइफलाइन को जोड़े रखने में खाड़ी के एक मुस्लिम देश की अहम भूमिका हो गई है। इस देश का नाम संयुक्‍त अरब अमीरात है। भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद बहुत बड़े पैमाने पर रूस के साथ व्‍यापार शुरू कर दिया है। भारत ने अरबों डॉलर का तेल रूस से मंगाया है। भारत को दोस्‍त रूस से व्‍यापार में अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है और इस संकट से निकलने में यूएई अहम भूमिका निभा रहा है। आइए समझते हैं पूरा मामला…

    दरअसल, अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत और रूस का व्‍यापार डॉलर में नहीं हो पा रहा है। रूस जहां चीनी मुद्रा में व्‍यापार को बढ़ावा दे रहा है, वहीं भारत को चीन की करंसी के साथ कड़ी आपत्ति है। भारत के संकट का हल यूएई की मुद्रा दिरहम से निकला है। भारत ने सभी बैंकों और व्‍यापारियों को निर्देश दिया है कि वे रूस से आयात का भुगतान चीन की मुद्रा युआन में नहीं करें। भारत इस समय रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है और कम दाम में कोयला भी मंगा रहा है। भारत ने यूएई की मुद्रा दिरहम को भुगतान में तरजीह देना शुरू किया है।


    यूएई यूं बना भारत-रूस के बीच पुल

    रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक भारत तब तक चीन की मुद्रा युआन में व्‍यापार करने से परहेज करेगा जब तक कि सीमा पर विवाद बना रहेगा और संबंध सामान्‍य नहीं होंगे। भारत की रिफाइनरी ने हाल के दिनों में कुछ रूसी तेल खरीद का भुगतान रूबल में किया है। लेकिन ज्‍यादातर भुगतान अभी भी दूसरी मुद्राओं में किया जा रहा है। दोनों ही देशों ने अभी तक हालांकि फ्रेमवर्क को अंतिम रूप नहीं दिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आने वाले महीने में रूस से ज्‍यादातर व्‍यापार दिरहम में किया जाएगा।

    बताया जा रहा है कि यूएई में रूसी बैंक और मास्‍को में यूएई के बैंक की शाखाएं हैं और इसी वजह से दोनों ही देशों में मुद्रा का आदान-प्रदान आसानी से हो जा रहा है। भारत इस रास्‍ते अब कई भुगतान कर भी चुका है। बता दें कि भारत ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बाद भी अभी तक रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा नहीं की है। भारत अभी भी रूस से सबसे ज्‍यादा हथियार खरीद रहा है। इसके अलावा रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन के भी जी-20 सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए भारत आने की उम्‍मीद है। वहीं यूएई की बात करें तो भारत के साथ दोस्‍ती इस समय पूरे उफान पर है। यूएई कश्‍मीर में निवेश करने जा रहा है। पीएम मोदी पिछले दिनों यूएई की यात्रा पर पहुंचे थे और दोनों देशों के बीच दोस्‍ती की जमकर तारीफ की थी।

    Related Articles

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    Back to top button