इस बार मार्च से ही चलेगी लू, चाय-कॉफी कम पीजिए, सरकार की आ गई सलाह

नई दिल्ली: इस वर्ष मार्च से मई तक के तीन महीने जोरों की लू की चपेट में होंगे। मौसम विभाग ने इसका अनुमान जताया है। इसका असर अभी से ही देखा जा रहा है। देश के ज्यादातर हिस्सों में तेजी से पारा चढ़ रहा है और अचानक गर्मी महसूस होने लगी है। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर दी है। मंत्रालय ने बताया है कि लू से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें। पिछले वर्ष का मार्च महीने बीते एक सदी में सबसे ज्यादा गर्म रहा था। तब भयंकर लू चली थी जिसके प्रकोप से फसलें जल गई थीं और जल स्तर काफी नीचे चला गया था। इस बार भी तेजी से पारा चढ़ने के कारण मौसम में अचानक बदलाव हो रहा है। इसका असर बीमारियों के रूप में सामने आ रहा है। अभी घर-घर सर्दी, खांसी और बुखार का प्रकोप देखा जा रहा है। चिंता की बात है कि कई मामलों में तमाम इलाज के बावजूद बीमारी जल्दी जा नहीं रही है।
शरीर को तर करते रहिए
इन्हीं सब समस्याओं के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए एडवाइजरी जारी कर दी है। उसने बताया है कि लू की चपेट में आने से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं। मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि अगर आप प्यास नहीं भी महसूस कर रहे हैं तो भी यथासंभव पानी पीते रहिए। लू से बचने के लिए ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्युशन (ORS) का घोल, नींबू पानी, लस्सी, हल्का नमक मिलाकर फलों के जूस आदि पीने की सलाह दी गई है।
ढीले-ढाले कपड़े पहनें, धूप से बचें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस कहती है कि लोगों को गर्मियों में पतला, ढीला-ढाला, हल्के रंग का सूती कपड़ा पहनना चाहिए। साथ ही, तेज धूप से बचने के लिए छाता लगाएं या टोपी पहने या फिर तौलिए से सिर ढकें। सरकार ने कहा है कि लोगों को अपने इलाके के मौसम का हाल जानने के लिए टीवी, रेडियो, न्यूज पेपर देखते रहना चाहिए। इसके लिए भारतीय मौसम विभाग (IMD) की वेबसाइट या इसके सोशल मीडिया हैंडल्स को भी खंगालते रहना चाहिए।
ठंडी जगह में रहें, तपिश से बचें
यह तो पता ही है कि लू से बचने के लिए बेवजह घर से बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। मंत्रालय ने भी सलाह दी है कि लोगों को हवादार और ठंडी जगहों में रहना चाहिए, लेकिन सूर्य की सीधी रोशनी में आने से बचा जाए। जिधर से धूप आए, उधर की खिड़कियां दिन में बंद हों या पर्दे लगे हों। रात में खिड़कियां खोल दें ताकि ठंडी-ठंडी हवा घर में आए। अगर काम के लिए घर से निकलना जरूरी ही हो तो कोशिश करें कि सुबह या शाम को काम निपटाएं।
➊ बच्चे और किशोर
➋ गर्भवती महिला
➌ खुले में काम करने वाले लोग
➎ शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति, खासकर दिल की बीमारी या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित लोग
➏ ठंडे प्रदेश से गर्म जलवायु वाले प्रदेश में आने वाले लोग। अगर कोई व्यक्ति ठंडे इलाके से गर्म इलाकों का रुख करता है तो उसे अपने शरीर को ज्यादा तापमान के अनुकूल ढालने के लिए एक सप्ताह तक खास तौर पर सतर्क रहना चाहिए।
खाने-पीने के परहेज भी जान लें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी में जोर देकर कह गया है कि लोग दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक घरों से बाहर निकलने से बचें। सरकार ने सुझाव दिया कि चिलचिलाती धूप के वक्त खाना बनाने या आग का कोई दूसरा काम करने से बचें। ऐसा करते वक्त घर के खिड़की-दरवाजे खुला रखें। लोगों को चाहिए कि गर्मी में शराब, चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स पीने से बचें। दरअसल, कोल्ड ड्रिंक्स में चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस कारण वह वास्तव में शरीर से तरल पदार्थ को सोखते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि गर्मी में लोगों को ज्यादा प्रोटीन वाला और बासी खाना नहीं खाएं।
भूलकर भी नहीं करें ये गलतियां
लोगों को भूल कर भी खड़ी गाड़ी में बच्चों या पालतू जानवरों को छोड़ना नहीं चाहिए। गाड़ी के अंदर का तापमान बढ़ने पर जान जा सकती है। अगर किसी को बेहोशी आए या उसे चक्कर लगे, उल्टी या सरदर्द हो, खूब प्यास लगे या फिर पेशाब कम और पीला हो, सांस तेज हो जाए या दिल की धड़कनें बढ़ जाएं तो सतर्क हो जाना चाहिए। ये सभी लू लगने के संकेत हो सकते हैं। सरकार ने कहा कि ऐसी स्थिति में तुरंत 108 या 102 नंबर पर कॉल करके सहायता मांगी जानी चाहिए।