सोलह दिवसीय व्रत महालक्ष्मी का आज आखिरी पारण दिवस,उत्सव के साथ मनाया गया।
प्रतिवर्ष पितृ महालय की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

बांदा-आज दिनाँक-6/10/2023 को पूर्व पुराण में वर्णित मान्यताओं के आधर पर भाद्रपद मास में प्रारम्भ होकर आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पारण किया जाता है। पूर्व के 16 दिवसों में संकल्प लेकर प्रतिदिन महिलाएं आवास, नदी,नहर,तालाब में स्नान कर शुचि कर्म को लक्षित किया जाता है।कहा जाता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी इस दिन घर में प्रवेश करती हैं। इस दिन धन-संपदा और शांति के लिए लक्ष्मी और गणेश भगवान की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है। इसी के साथ अगर धार्मिक मान्यताओं की मानें तो कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानि दिपावली के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था,मान्यताओं का अनुपालन आज स्व0 बाबूलाल पाल जी के आवास में पौत्रवधू अंकिता,प्रियंका के द्वारा विधि-विधान से माता महालक्ष्मी व्रत का पंचोपचार पूजन, पारण किया गया।
पौराणिक कथा- जिस महिला ने मां लक्ष्मी का ध्यान किया, जिसके बाद मां लक्ष्मी ने सपने में दर्शन देकर 16 दिनों का व्रत करने की बात कही. सपने में मां लक्ष्मी के दर्शन होने के बाद महिला ने ऐसा ही किया. कहा जाता है कि व्रत रखने के बाद उनको संतान,वैभव, धन सम्पदा की प्रचुर प्राप्ति हुई, तब से ये परंपरा चली आ रही है।