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नोएडा: किसान के खेत में निकला खजाना, 20 किलो बेशकीमती सफेद धातु को लूटने की मच गई होड़, JCB से खुदाई चालू

नोएडा: सोना..चांदी..खजाना ही खजाना! आप कहेंगे असल जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं होता. लेकिन ऐसा हुआ है.  गौतमबुद्ध नगर के दनकौर क्षेत्र के राजपुर कला गांव में रविवार की रात मिट्टी के नीचे दबा एक प्राचीन खजाना मिला. जिसने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया. ग्राम प्रधान कैलाश के खेत में जेसीबी से खुदाई के दौरान बड़ी मात्रा में सफेद धातु के सिक्के और गहने पाए गए. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, ये चांदी के हो सकती है. करीब 18 से 20 आभूषणों की आकृतियां मिली हैं, जिनकी जांच पुरातत्व विभाग कर रहा है.

खजाने की लूट के लिए मची होड़

घटना की शुरुआत तब हुई जब एक ग्रामीण अपने निर्माणाधीन मकान के लिए मिट्टी भराव के लिए खेत से मिट्टी ले जा रहा था. सुबह होते ही ग्रामीणों को मिट्टी के साथ बिखरे हुए सिक्के नजर आए. खजाने की खबर फैलते ही गांव के लोग बड़ी संख्या में खेत की ओर दौड़ पड़े और सिक्कों और गहनों को हासिल करने की होड़ मच गई. लूटपाट के दौरान लोगों ने आभूषण और सिक्कों को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की.

18 से 20 प्रकार के आभूषण मिले

सूचना पाकर पुरातत्व विभाग की टीम और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. उन्होंने करीब 18 से 20 प्रकार के आभूषणों की आकृतियों को अपने कब्जे में लिया और जांच के लिए साथ ले गए.  गांव में इस खजाने की चर्चा हर किसी की जुबान पर है, खासकर बच्चों के बीच.

प्राचीन काल से जुड़े प्रमाण पहले से मौजूद

इस घटना ने गौतमबुद्ध नगर के इतिहास की एक नई परत खोलने की संभावना को जन्म दिया है. यहां पहले से ही प्राचीन काल से जुड़े कई प्रमाण और मान्यताएं मौजूद हैं. बिसरख को रावण की जन्मस्थली के रूप में माना जाता है, जबकि दनकौर कस्बा महाभारत काल के गुरु द्रोणाचार्य से जुड़ा हुआ है.  इसके अलावा, मुगलकाल और अंग्रेजी शासनकाल के दौरान भी यहां के क्रांतिकारियों के योगदान का उल्लेख मिलता है.

पुरातत्व विभाग करेगा जांच

पुरातत्व विभाग द्वारा राजपुर कला गांव में मिले सिक्कों और गहनों की जांच से इस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास का पता लगाने में मदद मिलेगी. यह भी संभव है कि गौतमबुद्ध नगर की समृद्धि का इतिहास और भी पुराना हो. ग्रामीणों द्वारा लूटे गए खजाने की जानकारी और पुरातत्व विभाग की जांच से उम्मीद है कि इस क्षेत्र में और भी ऐसे खजाने या प्राचीन धरोहरें मिल सकती है, जो अब तक अज्ञात रही है.

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