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पाकिस्तान में ‘गृहयुद्ध’ को शांत कराने के लिए UAE ने दिया ऑफर, मुनीर ने नहीं दिया भाव… कुछ बड़ा करने की तैयारी?

इस्लामाबाद/अबू धाबी : पाकिस्तान में चल रहे सियासी संकट के बीच देश के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से फोन पर बात की है। दोनों ने सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की, खासकर रक्षा और सैन्य मामलों में। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फोन कॉल के दौरान शेख मोहम्मद और जनरल मुनीर ने दोनों देशों के साझा हितों को पूरा करने के लिए यूएई-पाकिस्तान संबंधों को समर्थन देने और मजबूत करने के तरीकों पर बातचीत की। इस बातचीत में पाकिस्तान के मौजूदा घटनाक्रम पर भी बातचीत हुई।

गल्फ न्यूज की खबर के अनुसार, शेख मोहम्मद ने पाकिस्तान में सद्भाव और स्थिरता को बढ़ावा देने वाले प्रयासों के प्रति यूएई का समर्थन जताया। खबर के अनुसार, पाक आर्मी चीफ ने यूएई के राष्ट्रपति के प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त की। वर्तमान राजनीतिक संकट पाकिस्तान के लिए दिनोंदिन एक विकराल समस्या बनता जा रहा है। बात सिर्फ अब सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं रही है।

यूएई के ऑफर पर मुनीर ने नहीं दिया भाव

इस बातचीत को लेकर पर्दे के पीछे की जानकारी कुछ और कहती है। पाकिस्तान मामलों के जाने-माने विश्लेषक बाकिर सज्जाद ने अपने एक ट्वीट में बताया, ‘यूएई के राष्ट्रपति (MBZ) ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से बातचीत में पाकिस्तान में राजनीतिक संकट को हल करने के लिए अपने कार्यालयों की मदद का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि यूएई ‘हर उस चीज का समर्थन करने का इच्छुक है जो पाकिस्तान में स्थिरता और सद्भाव’ ला सके। अमीराती सूत्रों के अनुसार जनरल मुनीर बहुत इच्छुक नहीं थे।’

इमरान के खिलाफ मुनीर की कड़ी कार्रवाई

इससे यह समझा जा सकता है कि मुनीर सुलह-समझौते के बजाय कड़ी कार्रवाई से संकट को हल करने का मन बना चुके हैं। उन्होंने इमरान समर्थकों की हिंसा को पाकिस्तान के इतिहास में ‘काला अध्याय’ बताया था और सैन्य संस्थानों पर हमला करने वालों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की चेतावनी दी थी। प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है और बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ता गिरफ्तार किए जा रहे हैं। खुद इमरान खान पर पाकिस्तान आर्मी एक्ट के सेक्शन 59, 60 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जिसका ट्रायल मिलिट्री कोर्ट में होगा। इस एक्ट में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद या मौत की सजा होती है।


पाकिस्तान-यूएई संबंधों में ‘खटास’

पाकिस्तान और यूएई के संबंध अच्छे रहे हैं और यही कारण है कि यूएई पाकिस्तान को वह आर्थिक मदद देने के लिए तैयार हो गया है जो आईएमएफ डील के लिए जरूरी है। हालांकि भारत के साथ बढ़तीं यूएई की नजदीकियों ने उसे पाकिस्तान से दूर कर दिया है। पाकिस्तान ने यूएई-इजरायल शांति समझौते का विरोध किया था जिसके बाद 2020 में कोरोनाकाल के दौरान यूएई ने पाकिस्तानियों को वीजा देने पर अस्थायी रोक लगा दी थी। हालांकि भारत पर इस तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई थी।

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