यूपी का बेटा जम्मू-कश्मीर में शहीद; गोवर्धन पूजा पर परिजन फोन का करते रह गए इंतजार, शाम को गांव पहुंचेगा शव
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का जवान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया। शाहजुड़डी गांव के लाल विवेक देशवाल बलिदान होने की जानकारी सेना अधिकारियों ने देर रात परिजनों को दी। इसके बाद घर में कोहराम मच गया। परिजनों के अनुसार, जवान का पार्थिव शरीर रविवार शाम तक गांव पहुंचेगा। जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के दौरान विवेक की शहादत की सूचना है।
घर पर मचा कोहराम
विवेक देशवाल के घर पर शहादत की सूचना पहुंची तो कोहराम मच गया। आर्मी की ओर से अधिकारियों ने फोन कर बलिदानी जवान के घर पर सूचना दी। स्वजन को आर्मी अधिकारियों ने बताया कि विवेक देशवाल के सिर में छह गोलियां लगी हैं। पिता संतरपाल देशवाल के अनुसार, सेना के साथ मुठभेड़ थी या आतंकी हमला हुआ?
पिता ने कहा कि इसकी सही जानकारी नहीं दी गई। बलिदानी के चाचा नरेंद्र देशवाल ने बताया कि रविवार शाम चार बजे उनका पार्थिव शरीर दिल्ली एयरपोर्ट पहुचने के बाद गांव शाहजुड़डी लाया जाएगा।
2015 में भर्ती हुआ था विवेक
शाहपुर थाना क्षेत्र के गांव शाहजुद्दी निवासी विवेक देशवाल पुत्र सन्तरपाल देशवाल सेना में जवान थे। 2015 में सेना में भर्ती होने के बाद पिछले तीन वर्षों से जम्मू कश्मीर में इंडियन आर्मी 28एएडी में लांसनायक थे। 30 वर्षीय जवान विवेक देशवाल की तैनाती श्रीनगर में थी। शनिवार देर रात को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए।
मां का अप्रैल में हो चुका निधन
शहीद विवेक देशवाल की मां का बीमारी के चलते इसी वर्ष अप्रैल में निधन हुआ था। मां की बीमारी के समय दिल्ली में अस्थाई तैनाती के बाद विवेक को फिर श्रीनगर भेज दिया गया था। घर पर पिता, पत्नी, पांच वर्षीय पुत्र और साढ़े तीन वर्षीय पुत्री है। विवेक देशवाल की शहादत की सूचना पर परिवार सहित पूरे गांव में शोक छा गया। पत्नी और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मेरठ यूनिट के अधिकारियों ने स्वजन से संपर्क कर उन्हें सांत्वना दी है।
वीडियो कॉल कर की थी पूजा
विवेक देशवाल ने घर पर वीडियो कॉल कर अपने परिवार के साथ दीपावली पूजन का नजारा देखा था। उन्होंने शनिवार दोपहर को भी अपने पिता से गोवर्धन पूजा के समय की जानकारी लेकर ली थी। रात में गोवर्धन पूजा के समय वीडियो काल करने को कहा। परिवार के लोगों ने शाम के समय उनके फोन के आने का इंतजार कर पूजन कर लिया। रात लगभग 10 बजे सेना की ओर से आए फोन काल ने पूरे परिवार में कोहराम मचा दिया।