विजिलेंस ने लखनऊ में सदर तहसील में 15 हजार रुपये रिश्वत लेते लेखपाल को रंगेहाथ दबोचा

लखनऊ : लखनऊ तहसील सदर में एंटी करप्शन टीम ने सोमवार को एक घूसखोर लेखपाल पकड़ा गया है. घूस लेने वाला लेखपाल अविनाश चंद्र ओझा है. लेखपाल अविनाश ओझा जमीन की पैमाइश के नाम पर 15 हजार रुपये लिए थे. इस दौरान एंटी करप्शन की टीम लेखपाल को घसीटते हुए ले गई. हालांकि लेखपाल पुलिस टीम के साथ जाने से बचता रहा. लेखपाल के पकड़े जाने के बार पूरी तहसील में अफरातफरी मच गई थी.
एंटी करप्शन की टीम ने बताया कि शिकायतकर्ता अमन त्रिपाठी की शिकायत पर हम लोग सदर तहसील पहुंचे थे. जहां अमन हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने गया गया था. प्रमाण पत्र बनाने के लिए लेखपाल अविनाश चंद्र ओझा ने अमन से 15 हजार रुपये रिश्वत मांगे थे जो अमन ने दे दिए. जिसके बाद हमारी टीम ने आरोपी लेखपाल को पकड़ लिया. तलाशी लेने पर लेखपाल अविनाश के पास से 15 हजार रुपये बरामद किए. अविनाश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ सेक्टर में अभियोग पंजीकृत कराकर जरूरी कार्रवाई की जा रही है.
सदर तहसील में अविनाश के पकड़े जाने के बाद यहां के कई वकीलों ने खुशी जाहिर की है. वकीलों का कहना है कि लेखपाल अविनाश चंद्र ओझा जैसे कई लेखपाल और अधिकारी हैं, जो भ्रष्टाचार के मामले में बहुत आगे हैं. एक हस्ताक्षर के लिए पांच सौ रुपये से लेकर लाखों रुपये लेते हैं. हम वकीलों को भी पैसे देने पड़ते हैं. अब एक पर कार्रवाई हुई है तो शायद कुछ अधिकारियों के होश ठिकाने आए.